नक्सलियों को बंदूक रखवा नौकरी दी, अब औद्योगिक क्रांति में दे रहे सहयोग

  • 18-Jul-25 01:58 AM

गढ़चिरौली से निकली स्टील इंडस्ट्री की नई धारा, विदर्भ को मिला औद्योगिक केंद्र का दर्जा

नई दिल्ली, 18 जुलाई (आरएनएस)। महाराष्ट्र का नक्सल प्रभावित जिला गढ़चिरौली अब विकास की राह पर अग्रसर है। 22 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस यहां कई महत्त्वपूर्ण औद्योगिक परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इनमें मुख्य रूप से 5 मिलियन टन प्रतिवर्ष (MTPA) लौह अयस्क ग्राइंडिंग प्लांट और देश की नवीनतम 10 MTPA स्लरी पाइपलाइन परियोजना शामिल है। लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड (LMEL) द्वारा विकसित यह ग्राइंडिंग प्लांट मात्र एक वर्ष में तैयार किया गया है। वहीं, 85 किलोमीटर लंबी स्लरी पाइपलाइन हेडरी से कोनसारी तक फैली है, जो पर्यावरण के अनुकूल लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देते हुए 55% तक कार्बन उत्सर्जन में कमी लाएगी।इस विकास की कहानी केवल उद्योगों की नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव की भी है। LMEL ने अब तक 65 पूर्व नक्सलियों को रोजगार दिया है, जो कभी किशोरावस्था में शिक्षा छोड़कर उग्रवाद की ओर मुड़ गए थे। गढ़चिरौली पुलिस की संस्तुति पर इन युवाओं को प्रशिक्षित कर कंपनी के प्रशासन, निर्माण और यांत्रिकी विभागों में जिम्मेदारी दी गई। इस पहल ने न केवल उन्हें एक नई पहचान दी, बल्कि समाज में पुनर्वास और आत्मसम्मान की भावना भी जगा दी है। LMEL के प्रबंध निदेशक श्री बी. प्रभाकरण ने कहा, कि “22 जुलाई का दिन गढ़चिरौली और महाराष्ट्र के लिए ऐतिहासिक साबित होगा। यह वो क्षण है जब यह क्षेत्र सिर्फ नक्सलवाद के लिए नहीं, बल्कि औद्योगिक विकास के लिए जाना जाएगा। हम सरकार, पुलिस प्रशासन और स्थानीय जनता के सहयोग से गढ़चिरौली को विदर्भ का पहला औद्योगिक जिला बना रहे हैं, जो ‘ग्रीन स्टील’ के राष्ट्रीय लक्ष्य में भी योगदान देगा। यह परिवर्तन न केवल औद्योगिक विकास का प्रतीक है, बल्कि गढ़चिरौली के सामाजिक पुनर्निर्माण की मिसाल भी पेश कर रहा है।




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