पत्रकारों की लंबित माँगों पर प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की अपील – सुविधाएँ, सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने की मांग

  • 30-Sep-25 02:15 AM

एक्रेडिटेड जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पत्रकारों की लंबित माँगें पूरी करने की अपील की, जिनमें स्वास्थ्य सुविधा, पेंशन, यात्रा रियायत और सुरक्षा शामिल हैं।

नई दिल्ली ,30  सितंबर (आरएनएस)। भारतीय लोकतंत्र में पत्रकारिता को हमेशा चौथे स्तंभ का दर्जा दिया गया है। समाज की नब्ज़ पहचानकर जनता की आवाज़ को सरकार तक पहुँचाने और सत्ता से सवाल करने वाले पत्रकार अक्सर असुरक्षित और उपेक्षित परिस्थितियों में जीवन व्यतीत करने को मजबूर होते हैं। इन्हीं समस्याओं को दूर करने और पत्रकारों को आवश्यक सुविधाएँ, सुरक्षा और सम्मान दिलाने की दिशा में एक्रेडिटेड जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (AJA) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विस्तृत ज्ञापन सौंपा है। एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय शंकर चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे पत्र में कहा है कि पत्रकार हर परिस्थिति—चाहे प्राकृतिक आपदा हो, राजनीतिक संकट हो या सामाजिक तनाव—में अपनी जिम्मेदारियाँ निभाते हैं। इसके बावजूद उन्हें स्वास्थ्य सेवा, परिवहन, पेंशन और सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार लोकतंत्र को वास्तव में मजबूत बनाना चाहती है तो पत्रकारों की इन जायज़ माँगों को पूरा करना आवश्यक है। ज्ञापन में कई प्रमुख माँगें शामिल की गई हैं। इसमें पत्रकारों के लिए रेलवे कंसेशन की बहाली, पत्रकारों और उनके परिवारों को सरकारी व निजी अस्पतालों में निःशुल्क इलाज की सुविधा, छोटे और मध्यम समाचार पत्रों को नियमित सरकारी विज्ञापन, 60 वर्ष से अधिक आयु वाले पत्रकारों के लिए ₹15,000 से ₹20,000 मासिक पेंशन, राष्ट्रीय मीडिया अकादमी की स्थापना और महानगरों में मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए मेट्रो में निःशुल्क यात्रा की सुविधा शामिल है। विजय शंकर चतुर्वेदी ने कहा कि पत्रकार समाज और सरकार के बीच सेतु का कार्य करते हैं और उनके बिना लोकतंत्र अधूरा है। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि ऐसे महत्वपूर्ण दायित्व निभाने वाले पत्रकारों के पास न्यूनतम सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार यदि इन माँगों को स्वीकार करती है तो इससे न केवल पत्रकारों का मनोबल बढ़ेगा बल्कि लोकतंत्र की नींव भी और अधिक मजबूत होगी।




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