
पहाड़ी अंचल में हाहाकारी बारिश, 17 लोगों की मौत, भारी तबाही
- 05-Oct-25 02:29 AM
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पीएम मोदी व सीएम ममता ने किया हर सम्भावित मदद का ऐलान
कोलकाता 05 Oct, (Rns) । पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में भारी हाहाकारी बारिश के कारण कई भूस्खलन हुए और व्यापक तबाही हुई, जिससे 17 लोगों की मौत हो गई है। आशंका है कि मृतकों की संख्या और अधिक बढ़ सकती है। लगातार हो रही इस बारिश ने उत्तर बंगाल में संकट पैदा कर दिया है, जिससे निवासियों का सामान्य जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और महत्वपूर्ण सड़क संपर्क टूट गया है, देखा जाये तो जो समसामयिक हालात है उससे लग रहा है कि, हिमालयी राज्य सिक्किम देश के बाकी हिस्सों से अलग-थलग पड़ गया है। उक्त घटना को लेकर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गहरा दुख प्रकट करते हुए हर स्तर की मदद के निर्देश दिए हैं और कहा है कि हालात का गलत फायदा उठाकर लोगों से किसी सामान और होटल किराया अधिक वसूलने वालों पर कार्रवाई हो सकती है। वहीं देश के पीएम मोदी ने बारिश-बाढ़ से मची तबाही पर दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘दार्जिलिंग में एक पुल दुर्घटना में हुई जानमाल की हानि से अत्यंत दुखी हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों की स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। हम प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
दार्जिलिंग समेत उत्तर बंगाल के पूरे पर्वतीय क्षेत्र को शनिवार रात से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने तहस-नहस कर दिया है। पहाड़ों में जगह-जगह भूस्खलन हुआ है, कई घर बह गए हैं और अब तक 17 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि दार्जिलिंग में इस तरह की भयानक तबाही आखिरी बार 1998 में देखी गई थी। 27 साल बाद फिर वही भयावह दृश्य लौट आया है।
भारी बारिश के कारण बालासन नदी पर दूधिया स्थित लोहे का पुल बह गया, जिससे सिलीगुड़ी और मिरिक का संपर्क टूट गया। पुल के ध्वस्त होने से वाहन आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है। नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय लोग दहशत में हैं।गारीधुरा पुलिस चौकी की टीम मौके पर हालात पर नजर बनाए हुए है। नेशनल हाईवे 717ई पर पेडोंग और रिशिखोला के बीच भूस्खलन से सिलीगुड़ी और सिक्किम को जोड़ने वाला वैकल्पिक मार्ग बंद हो गया है। इसके अलावा हुसैन खोला और एनएच-110 (कर्सियांग के पास) में भी भूस्खलन की खबर है। लगातार बारिश के कारण सड़क से मलबा हटाने का काम बेहद मुश्किल हो रहा है। कालिम्पोंग जिले में लगातार बारिश के चलते कई सड़कें बंद हो गई हैं और संचार सेवाएं बाधित हैं. लगातार भूस्खलन की वजह से प्रशासन अलर्ट पर है। वहीं जलपाईगुड़ी के कई निचले इलाकों में पानी भर गया है। घर डूब गए हैं और लोग घुटने-भर पानी में फंसे हुए हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का कैंप भी प्रभावित हुआ है। रविवार सुबह तक प्रशासन ने मिरिक में नौ, सुकियापोखरी में सात और बिजनबाड़ी में एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि की है।
दार्जिलिंग में बारिश और भूस्खलन के कारण सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। अधिकांश उड़ानें रद्द कर दी गईं और कई यात्रियों को टिकट नहीं मिले। प्रशासन उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहा है, लेकिन खराब मौसम के कारण बचाव कार्य बेहद धीमी गति से हो रहा है।
गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) ने टाइगर हिल और रॉक गार्डन जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल एक दिन के लिए बंद कर दिए हैं। दार्जिलिंग के कई हिस्सों में राहत शिविर बनाए किए जा रहे हैं। शनिवार रात को राष्ट्रीय राजमार्ग-10 (एनएच-10) पर भी भूस्खलन हुआ। हालांकि, रविवार दोपहर तक कुछ हिस्सों की मरम्मत हो सकी। दार्जिलिंग जाने का मुख्य मार्ग पंखाबाड़ी रोड बहुत जोखिम भरा है, लेकिन वर्तमान में यात्रियों को इसी मार्ग से सुरक्षित निकाला जा रहा है। अब तक फंसे पर्यटकों की सही संख्या का अनुमान नहीं है।
जीटीए प्रमुख और प्रजातांत्रिक मोर्चा नेता अनित थापा ने बताया कि केवल मिरिक क्षेत्र में ही 15 मौतों की सूचना मिली है।
दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट ने कहा कि दार्जिलिंग और कालिम्पोंग जिलों में भारी बारिश के कारण जन-धन की भारी क्षति हुई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘‘हम हालात की निगरानी कर रहे हैं और भाजपा कार्यकर्ताओं को राहत कार्य में शामिल होने का निर्देश दिया गया है।’’ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि वह सोमवार को ही उत्तर बंगाल पहुंचेंगी और सिलीगुड़ी से पूरी स्थिति की निगरानी करेंगी। उनके निर्देश पर सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देव और जिलाधिकारी प्रीति गोयल ने रविवार दोपहर दूधिया पुल का निरीक्षण किया। इंजीनियरिंग टीमें वैकल्पिक मार्ग तैयार करने में जुटी हैं। सिलीगुड़ी के कई इलाकों में भी बाढ़ का पानी भर गया है। विशेषकर पोराझार इलाके में महानंदा नदी का तटबंध टूटने से कई गांव जलमग्न हो गए हैं। कूचबिहार में रविवार सुबह से ही हालात बिगड़ गए। शहर के लगभग 20 वार्डों में पानी घुस गया है। कई जगहों पर घुटनों तक, तो कहीं कमर तक पानी भर गया है। तोर्सा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। उत्तर बंगाल के छह जिलों में भारी वर्षा का अलर्ट जारी है। उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर में अभी बारिश हल्की है, लेकिन मौसम विभाग की ओर से अगले 24 घंटे में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। माल्दा जिले के मानिकचक ब्लॉक में गंगा और फूलहर नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। हालांकि, अभी स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन बिहार और झारखंड में बारिश जारी रही तो महानंदा नदी का जलस्तर बढ़ने से संकट गहरा सकता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इतनी भारी बारिश दार्जिलिंग ने पहले भी देखी है, लेकिन एक रात में इतनी तबाही पहले कभी नहीं हुई। लोगों का आरोप है कि बालासन नदी से पत्थर-बोल्डर की अवैध निकासी और अंधाधुंध निर्माण कार्य ने इस आपदा को और भयानक बना दिया है।
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