
पाकिस्तान ने डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया
- 21-Jun-25 01:04 AM
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0-कहा- भारत-पाक युद्ध रोका
इस्लामाबाद,21 जून। पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है। पाकिस्तान ने कहा कि ट्रंप की कूटनीतिक पहल और मध्यस्थता ने भारत और पाकिस्तान के बीच एक बड़े युद्ध को टालने में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान ने ये भी कहा कि इससे 2 परमाणु ताकत संपन्न देशों के बीच युद्ध की आशंका टल गई। पाकिस्तान के इस कदम को सैन्य प्रमुख असीम मुनीर की ट्रंप से मुलाकात से जोड़कर देखा जा रहा है।
पाकिस्तान ने आधिकारिक बयान में कहा, पाकिस्तान सरकार ने 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप के नाम की सिफारिश की है। पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान संकट के दौरान उनके निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप और महत्वपूर्ण नेतृत्व के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के नाम की औपचारिक रूप से 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए सिफारिश करने का फैसला किया है। पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर ट्रंप की मध्यस्थता के पेशकश की भी सराहना की।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक लंबी-चौड़ी पोस्ट में कहा, मैंने कांगो और रवांडा के बीच समझौता करवाया, भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रोका, सर्बिया और कोसोवो के बीच शांति करवाई, मिस्र-इथियोपिया के बीच टकराव को रोका, मध्य-पूर्व में अब्राहम समझौते किए। मैं कितने भी युद्ध रोकूं, कुछ भी कर लूं, लेकिन मुझे नोबेल नहीं मिलेगा। मुझे 4-5 बार पुरस्कार मिल जाना चाहिए था, लेकिन वे मुझे नहीं देंगे, क्योंकि वे इसे केवल लिबरल्स को देते हैं।
18 जून को ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख असिम मुनीर से बंद कमरे में मुलाकात की थी। दोनों ने साथ भोजन किया था। यह पहली बार था, जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख की मेजबानी की। इसके बाद ट्रंप ने मुनीर को स्मार्ट शख्स बताया था। दावा किया जा रहा था कि इस मुलाकात के बदले पाकिस्तान ट्रंप को नोबेल पुरस्कार देने की पैरवी करेगा।
ट्रंप कई बार दावा कर चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराया है। यहां तक कि युद्धविराम की घोषणा भी सबसे पहले ट्रंप ने ही की थी। हालांकि, भारत इस दावे को खारिज करता रहा है। भारत का कहना है कि युद्धविराम दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत के बाद हुआ था और इसमें किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं है। विदेश मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री इस बात को कह चुके हैं।
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