पीएफ खाताधारकों के लिए बड़ी खबर : अब रिटायरमेंट से पहले पूरा पैसा निकालना हुआ मुश्किल, सरकार ने बदले नियम

  • 16-Oct-25 07:23 AM

नई दिल्ली ,16 अक्टूबर ।  कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कर्मचारियों की रिटायरमेंट प्लानिंग को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। एक तरफ जहां तत्काल जरूरतों के लिए आंशिक निकासी को आसान बनाया गया है, वहीं नौकरी छोडऩे पर क्कस्न की पूरी रकम निकालने के नियमों को पहले से कहीं ज्यादा सख्त कर दिया गया है। सरकार का मकसद साफ है कि कर्मचारी अपनी तात्कालिक जरूरतों को तो पूरा करें, लेकिन अपने भविष्य को भी आर्थिक रूप से सुरक्षित रखें।
क्यों पड़ी नियमों में बदलाव की जरूरत?
हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़े चिंताजनक तस्वीर पेश करते हैं। इन आंकड़ों के अनुसार, लगभग 50त्न श्वक्कस्न सदस्यों के खाते में निकासी के समय 20,000 रुपये से भी कम राशि होती है। करीब 75त्न कर्मचारियों के क्कस्न खाते में 50,000 रुपये से कम और 87त्न सदस्यों के पास रिटायरमेंट के करीब पहुंचने पर भी 1 लाख रुपये से कम जमा होते हैं। सरकार का मानना है कि छोटी-छोटी जरूरतों के लिए बार-बार पैसा निकालने की आदत लोगों के रिटायरमेंट फंड को खोखला कर रही है, जिससे उनका बुढ़ापा असुरक्षित हो रहा है।
पैसे निकालने पर अब ये हैं नई शर्तें
कर्मचारियों में बचत की आदत को बढ़ावा देने और उनके भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से, केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई श्वक्कस्नह्र की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इन नए नियमों के तहत, अब प्रत्येक पीएफ खाते में 25त्न का न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना अनिवार्य कर दिया गया है, जिसका अर्थ है कि कर्मचारी अपना खाता पूरी तरह से खाली नहीं कर पाएंगे। इसके अतिरिक्त, नौकरी छोडऩे की स्थिति में पीएफ की पूरी राशि निकालने के लिए इंतजार की अवधि को 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने यानी एक साल कर दिया गया है। वहीं, पेंशन फंड की निकासी पर और भी अधिक सख्ती बरतते हुए, इसकी प्रतीक्षा अवधि को बढ़ाकर सीधे 36 महीने (तीन साल) कर दिया गया है, क्योंकि अधिकांश पेंशनधारक तुरंत अपनी पूरी राशि निकाल लेते थे, जिससे उनका वृद्धावस्था असुरक्षित हो जाता था।
जरूरत पर आसानी से मिलेगा पैसा
जहां एक तरफ पूरी निकासी पर सख्ती की गई है, वहीं दूसरी तरफ इलाज, शादी या बच्चों की शिक्षा जैसी विशेष जरूरतों के लिए आंशिक निकासी की प्रक्रिया को और सरल बनाया गया है। पिछले साल श्वक्कस्नह्र को आंशिक निकासी के लिए मिले 7 करोड़ आवेदनों में से 6 करोड़ को मंजूरी दी गई थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, यह आपका ही पैसा है और जरूरत पर आप इसे निकाल सकते हैं। लेकिन न्यूनतम बैलेंस की शर्त यह सुनिश्चित करेगी कि आपका खाता सक्रिय रहे और उस पर 8.25त्न का आकर्षक ब्याज भी मिलता रहे।
सरकार ने शुरू किया 'कर्मचारी नामांकन अभियानÓ
श्वक्कस्नह्र ने उन कर्मचारियों को भी एक बड़ा मौका दिया है, जो अब तक इस सामाजिक सुरक्षा योजना का हिस्सा नहीं बन पाए थे। 1 नवंबर से एक नई नामांकन योजना शुरू की जा रही है। यह योजना उन सभी कर्मचारियों के लिए है, जो जुलाई 2017 से अक्टूबर 2025 के बीच नौकरी में तो आए, लेकिन उनका क्कस्न खाता नहीं खुल सका। इस अभियान के तहत ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोडऩे के लिए नियोक्ताओं पर केवल 100 रुपये का मामूली जुर्माना लगाया गया है।
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