पोन्नियिन सेलवन 2 के गाने से जुड़े विवाद में दिल्ली हाईकोर्ट ने दी रहमान को राहत, 2 करोड़ रुपए जमा करने का आदेश टला

  • 24-Sep-25 12:38 PM

नई दिल्ली ,24  सितंबर (आरएनएस)। दिल्ली हाई कोर्ट ने पोन्नियिन सेलवन-2 के लोकप्रिय गाने वीरा राजा वीरा से जुड़े कॉपीराइट विवाद में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इस मामले में संगीतकार ए.आर. रहमान पर एक जज द्वारा जारी किया गया अंतरिम रोक आदेश अब दो जजों की बेंच ने रद्द कर दिया है। यह विवाद जूनियर डागर ब्रदर्स की शास्त्रीय रचना शिव स्तुति के कथित उपयोग को लेकर शुरू हुआ था।
इससे पहले, एकल न्यायाधीश ने ए.आर. रहमान और फिल्म निर्माता मद्रास टॉकीज और लाइका प्रोडक्शंस को निर्देश दिया था कि वे विवादित गाने के संबंध में दो करोड़ रुपए कोर्ट में जमा करें और गाने के क्रेडिट में जूनियर डागर ब्रदर्स के दिवंगत उस्ताद नासिर फैयाजुद्दीन डागर और उस्ताद नासिर जहीरुद्दीन डागर को उचित श्रेय दें।
इसके बाद ए.आर. रहमान ने इस फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी। अब दिल्ली हाई कोर्ट की दो जजों की बेंच ने इस एकल जज के आदेश को सैद्धांतिक तौर पर रद्द कर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि उन्होंने मामले की समान राय विकसित की है और विवादित आदेश को अब आगे नहीं मानेंगे।
अदालत ने फिलहाल ए.आर. रहमान और निर्माताओं को राहत देते हुए उन्हें यह स्पष्ट किया कि वे दो करोड़ रुपए जमा करने के आदेश के तहत अभी बाध्य नहीं हैं।
दरअसल, उस्ताद फैयाज वासिफुद्दीन डागर ने दावा किया था कि वीरा राजा वीरा गाना उनकी पारिवारिक शास्त्रीय रचना शिव स्तुति की कॉपी है। यह रचना जूनियर डागर ब्रदर्स द्वारा 1970 के दशक में बनाई गई थी और उनके निधन के बाद इसका कॉपीराइट परिवार को मिला है। डागर परिवार का कहना था कि गाने के संगीत में उनके पूर्वजों की रचना का बिना अनुमति उपयोग किया गया और इसका श्रेय भी नहीं दिया गया।
वहीं, ए.आर. रहमान और निर्माताओं की ओर से कहा गया था कि यह गाना 13वीं सदी के नारायण पंडित आचार्य की रचना से प्रेरित है और इसकी रचना स्वतंत्र है। उन्होंने तर्क दिया कि गीत के निर्माण में कई आधुनिक संगीत तत्वों और लेयर्स का उपयोग किया गया है, जिससे यह एक मौलिक कृति बनती है।
बता दें कि भारत में शास्त्रीय संगीत की रचनाओं का संरक्षण कॉपीराइट कानून के अंतर्गत आता है।
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