प्रतीक गांधी और पत्रलेखा की फिल्म फुले को मिली रिलीज तारीख

  • 17-Mar-25 12:00 AM

भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की इस जयंती पर डांसिंग शिवा फिल्म्स, किंग्समेन प्रोडक्शंस और हम 11 अप्रैल, 2025 को सिनेमाघरों में फिल्म फुले की दुनिया भर में रिलीज कर रहे हैं, जो ज्योतिराव फुले की 197 वीं जयंती है। फिल्म फुले में प्रतीक गांधी और पत्रलेखा अहम भूमिका निभाई है। यह फिल्म भारतीय सामाजिक सुधार आंदोलन के दो प्रमुख व्यक्तियों महात्मा ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन और विरासत की कहानी को दर्शाएगी।प्रतीक गांधी और पत्रलेखा की बहुप्रतीक्षित फिल्म फुले को आखिरकार रिलीज की तारीख मिल गई है। समाज सुधारक महात्मा ज्योतिराव और सावित्रीबाई फुले के जीवन और कार्यों पर आधारित यह फिल्म इस साल 11 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। रिलीज की तारीख ज्योतिराव की 197वीं जयंती के साथ भी मेल खाती है।राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता अनंत महादेवन द्वारा निर्देशित इस फिल्म में प्रतीक गांधी महात्मा ज्योतिराव फुले और पत्रलेखा उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले की भूमिका में नजर आएंगे। जी स्टूडियोज ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर फिल्म के घोषणा पोस्टर को कैप्शन के साथ शेयर किया है और लिखास भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की इस जयंती पर, डांसिंग शिवा फिल्म्स, किंग्समेन प्रोडक्शंस और हम 11 अप्रैल, 2025 को सिनेमाघरों में फिल्म फुले की विश्वव्यापी रिलीज की घोषणा करने के लिए एक साथ आ रहे हैं, जो ज्योतिराव फुले की 197वीं जयंती का प्रतीक है।यह फिल्म महात्मा ज्योतिराव और सावित्रीबाई फुले की प्रेरणादायक सफर को दर्शाती है, जिनके भारत में शिक्षा और सामाजिक समानता के क्षेत्र में किए गए काम ने एक स्थायी विरासत छोड़ी है। सावित्रीबाई फुले के रूप में अपनी भूमिका पर पत्रलेखा ने अपनी खुशी जाहिर की और कहा, मैं इस फिल्म में सावित्रीबाई फुले का किरदार निभाने के लिए बेहद सम्मानित महसूस कर रही हूं। ज्योतिराव फुले के साथ, उन्होंने भारत में आधुनिक शिक्षा और सामाजिक समानता की नींव रखी। आज उनकी जयंती पर, हम फुले की रिलीजा का एलान करें। मैं रोमांचित हूं कि दर्शक जल्द ही बड़े पर्दे पर उनकी प्रेरणादायक सफर देख सकेंगे।भारतीय इतिहास की महान समाज सुधारक सावित्रिबाई फुले का जन्म आज ही के दिन 1831 में महाराष्ट्र के सतारा जिले के नायगांव में हुआ था। सावित्रिबाई ने 1848 में पुणे के भिड़े वाड़ा में देश का पहला गर्ल्स स्कूल खोला था। सावित्रिबाई फुले ने पुरुष प्रधान समाज का विरोध करते हुए घर-घर जाकर लोगों को बच्चियों को पढ़ाने के लिए प्रेरित किया। 10 मार्च 1897 को सावित्रिबाई का प्लेग की वजह से निधन हो गया था।




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