फिक्की ने आयोजित किया भारत आरएंडडी समिट 2024: उद्योग और शिक्षा जगत में सहयोग से नवाचार को बढ़ावा

  • 04-Oct-24 02:08 AM

सार्वजनिक-निजी भागीदारी से नवाचार में वृद्धि

# उद्योग और शिक्षा जगत के बीच की दूरी कम करने पर जोर

नई दिल्ली, 04 अक्टूबर (आरएनएस)।  फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ( एफआईसीसीआई) ने नई दिल्ली में भारत आरएंडडी समिट 2024 का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य उद्योग और शिक्षा जगत के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करना था। इस समिट में शिक्षा जगत, उद्योग और सरकार के प्रमुख प्रतिनिधि शामिल हुए, जिन्होंने भारत में नवाचार की संभावनाओं और चुनौतियों पर चर्चा की।इस मौके पर फिक्की ने ऐसे तकनीकी समाधानों का संकलन भी जारी किया, जो उद्योगों में व्यावसायिक उपयोग के लिए उपलब्ध हैं। फिक्की की महानिदेशक ज्योति विज ने भारत में हो रहे नवाचारों की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए, अनुसंधान की सफलता के लिए स्पष्ट परिणाम आधारित मापदंडों की जरूरत बताई। उन्होंने नवाचार के माध्यम से 'विकसित भारत' की ओर बढ़ते हुए मध्यम आय के जाल से बचने के महत्व पर जोर दिया। डॉ. अखिलेश गुप्ता*, वरिष्ठ सलाहकार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, ने प्रौद्योगिकी के विकास में सार्वजनिक-निजी भागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और अनुसंधान एवं विकास में निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी का आह्वान किया। फिक्की इनोवेशन कमेटी के सह-अध्यक्ष *प्रो. सुधीर कुमार बराई* ने बताया कि नई शिक्षा नीति (NEP 2020) कैसे बहुविषयक शिक्षा को प्रोत्साहित करती है और 'प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस' जैसे नवाचारों से शिक्षा और उद्योग के बीच की खाई को पाटने में मदद करती है। इस अवसर पर  आनंदी अय्यर*, सह-अध्यक्ष, फिक्की इनोवेशन कमेटी और निदेशक, फ्राउनहोफर इंडिया कार्यालय, ने व्यावहारिक अनुसंधान मॉडल की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि फ्राउनहोफर मॉडल जैसे अनुसंधान प्रारूप नवाचारों के व्यावसायीकरण को गति प्रदान कर सकते हैं और शिक्षा जगत को उद्योग की आवश्यकताओं के साथ बेहतर तालमेल में ला सकते हैं।समिट में 50 से अधिक अनुसंधान परियोजनाओं की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसने यह संदेश दिया कि भारत को वैश्विक नवाचार में अग्रणी बनाने के लिए निजी क्षेत्र का अधिक निवेश और उद्योग-शिक्षा जगत के बीच विश्वास-निर्माण जरूरी है।




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment