फिक्की ने भारत आर &डी सम्मेलन 2025 की मेजबानी की, उद्योग–अकादमी सहयोग को मजबूती देने का आह्वान किया

  • 25-Sep-25 02:38 AM

नई दिल्ली, 25 सितंबर (आरएनएस)।  फिक्की ने नई दिल्ली के फेडरेशन हाउस में भारत R&D सम्मेलन 2025 का उद्घाटन किया। इस दो दिवसीय सम्मेलन का विषय “साथ मिलकर नवाचार: उद्योग–अकादमी सहयोग” है। पहले दिन नीति निर्माता, वैज्ञानिक, शैक्षिक संस्थाओं एवं उद्योग के नेताओं ने भारत की अनुसंधान प्राथमिकताओं पर चर्चा की और उद्योग-अकादमी साझेदारी को मजबूत करने के उपाय सुझाए।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय के. सूद ने कहा कि भारत का कुल R&D व्यय (GERD) जीडीपी का 0.7% है, जिसमें उद्योग का योगदान 40% से कम है। उन्होंने जोर दिया, “भारत के उद्योगों को आगे आकर सेमीकंडक्टर, स्वच्छ ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी, और AI जैसे क्षेत्रों में गहन-तकनीक और उत्पाद आधारित अनुसंधान में निवेश करना चाहिए।” साथ ही उन्होंने नेशनल रिसर्च फाउंडेशन और ₹1 लाख करोड़ के गहन-तकनीक कोष को सहयोग के लिए महत्वपूर्ण बताया। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन ने अकादमी, उद्योग, और सरकार के बीच समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “भारत के महासागरों में सतत मत्स्य पालन, गहरे समुद्री संसाधन, और अक्षय ऊर्जा की अपार संभावनाएँ हैं। उद्योग को डीप ओशन मिशन जैसी पहलों के साथ जुड़कर इनका लाभ उठाना चाहिए”। HCL के सह-संस्थापक और नेशनल क्वांटम मिशन के गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी ने कहा, “सेवाओं पर आधारित अर्थव्यवस्था से उत्पाद-प्रधान राष्ट्र की ओर बढ़ना जरूरी है। गहन-तकनीक और उत्पाद विकास में निवेश वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए आवश्यक है।” उन्होंने नेशनल क्वांटम मिशन के तहत 104 क्वांटम स्टार्टअप्स और सेमीकंडक्टर प्रोत्साहन योजनाओं का उल्लेख किया। सम्मेलन का दूसरा दिन कल जारी रहेगा। फिक्की भारत के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए सभी हितधारकों से सक्रिय सहयोग की अपील करता है।




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