बच्चा होने के बाद क्या आपको भी आता है बार-बार रोना चिड़चिड़ेपन और गुस्से के पीछे होती है खास वजह

  • 14-Feb-25 12:00 AM

मां बनने के बाद महिला का जीवन पूरी तरह बदल जाता है. 9 महीने तक बच्चे को अपनी कोख में रखने के बाद जब महिला बच्चे को जन्म देती है तो एक तरह से महिला का भी वो नया जन्म होता है. जो प्यार, स्नेह, जिम्मेदारियों से भरा होता है. इस समय नई मां कई तरह के शारीरिक और मानसिक उतार-चढ़ाव से गुजरती है. इस दौरान उन्हें बार-बार रोना आता है. वो बहुत चिड़चिड़ी हो जाती हैं. उन्हें बात-बात पर गुस्सा आने लगता है.वो दिन-रात तनाव में रहती हैं. उन्हें जिंदगी अधूरी सी लगती है. ऐसा क्यों होता है, क्या आपको पता है इसके पीछे पोस्टपार्टम डिप्रेशन है. रिपोट्र के अनुसार, दुनियाभर में हर 7 में से 1 महिला को पोस्टपार्टम डिप्रेशन की समस्या हो सकती है. आइए जानते हैं इसके बारे में. क्या होता है पोस्टपार्टम डिप्रेशनबच्चे के जन्म के कुछ दिनों बाद मां को पोस्टपार्टम डिप्रेशन हो सकता है. यह एक गंभीर समस्या है. इसके अलावा ये डिलीवरी के पहले, दूसरे और तीसरे महीने में हो सकता है. ऐसा होने पर महिला को अबॉर्शन तक हो सकता है. इतना ही नहीं मृत बच्चा भी पैदा हो सकता है. इसमें मां का ध्यान बच्चे से हटने लगता है. उनका बच्चे से इमोशनल कनेक्शन भी खत्म होने लगता है. पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षणबार-बार रोना आनाचिड़चिड़ापनमूड स्विंग होनाबात करने का मन न होनाबात-बात पर गुस्सा आनाबच्चे से लगाव न हो पानाकिसी काम पर फोकस न कर पानादर्द होना या किसी बीमारी का एहसाससेल्फ कॉन्फिडेंस में कमीक्यों होता है पोस्टपार्टम डिप्रेशनहार्मोनल चेंजेसपरिवार या पार्टनर का सपोर्ट न होनाइमोशनल चेंजप्रेगनेंसी में कॉम्प्लिकेशनपहले से कोई हेल्थ प्रॉब्लमफैमिली हिस्ट्रीपोस्टपार्टम डिप्रेशन से कैसे करें बचावपोस्टपार्टम डिप्रेशन से बचने के लिए इलाज और काउंसलिंग की जरूरत होती है. इससे एक महीने में इससे छुटकारा पाया जा सकता है. पोर्टपार्टम डिप्रेशन से बचने के लिए अच्छी डाइट, भरपूर नींद लेनी चाहिए. स्ट्रेस होने पर काउंसलर के पास जाना चाहिए. वजन बढऩे पर घबराने की बजाय डाइटिशियन की मदद लें.परिवार और दोस्तों से मिलकर उनके साथ समय बिताएं.




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