बजबज में केंद्रीय मंत्री सुकांत पर फेंके गए जूते, नारेबाजी व हंगामा

  • 19-Jun-25 03:26 AM

0-घटना के बाद तनाव, पुलिस व रैपिड एक्शन फोर्स तैनात
कोलकाता,19 जून (आरएनएस)। दक्षिण 24 परगना बजबज इलाके में भारतीय जनता पार्टी के राज्य अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को स्थानीय लोगों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। मामला तब गरमाया जब सुकांत एक घायल पार्टी कार्यकर्ता से मुलाकात करने पहुंचे। वहां मौजूद लोगों ने उन्हें घेर कर अभद्रता करते हुए नारेबाजी की। इस दौरान केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा कि जिस तरह से हम पर ईंट-पत्थर और जूते फेंके गए हैं, यह पूरी घटना तृणमूल कांग्रेस की साजिश के तहत की गई है। इसे अंजाम देने वाले सभी लोग जिहादी हैं। वहीं प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि मनरेगा के तहत 100 दिनों के काम की बकाया राशि अब तक नहीं मिली है। इसी को लेकर नाराज स्थानीय लोग सड़क पर उतर आए। शुरुआत में पुलिस ने हालात को संभालने की कोशिश की, लेकिन भीड़ के आक्रोश को देखते हुए अंतत: रैपिड एक्शन फोर्स (रैफ) को तैनात करना पड़ा। घटना के बाद सुकांत मजूमदार ने पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने आरोप लगाया कि, बवाल करने के लिए जिहादियों को बुलाया गया था, क्या यही लोकतंत्र है? केंद्रीय मंत्री सुकांता मजूमदार इस घटना को लेकर काफी भड़के नजर आए। उन्होंने इस घटना की शिकायत की केंद्रीय गृह मंत्रालय से करने की बात भी कही है। बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, इस घटना के बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय को जानकारी देंगे कि कैसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासन में पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश रची गई है। केंद्रीय मंत्री सुकांत ने कहा, इन जिहादियों में कई लोग ऐसे भी हैं जो बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं। उनके पूर्वज भारत के रहने वाले नहीं थे।  यह सभी बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ कर भारत में आए हैं और भारत में हंगामा कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल को पाकिस्तान बनाकर छोड़ दिया है। इधर वहीं, तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि जब लोगों ने 100 दिनों का काम किया है और उन्हें पैसा नहीं मिला, तो स्वाभाविक है कि गुस्सा फूटेगा। इसके साथ ही उन्होंने सुकांत पर धार्मिक आधार पर समाज को बांटने का आरोप भी लगाया।इधर, घटना के तुरंत बाद सुकांत मजूमदार ने राज्यपाल से मिलने का मन बनाया है। इसके अलावा, उन्होंने संसद में भी इस मामले को उठाने की चेतावनी दी है।
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