
बदले की आग में जल रहे ईरान ने इजरायल पर फिर किए मिसाइल हमले
- 16-Jun-25 02:15 AM
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0-5 लोगों की मौत, दर्जनों जख्मी
तेल अवीव,16 जून। ईरान ने सोमवार को तड़के इजरायल पर मिसाइल हमले किए. इससे पूरे देश में हवाई हमले के सायरन बजने लगे. इस हमले के बाद आपातकालीन सेवाओं ने बताया कि क्षेत्रीय दुश्मनों के बीच खुले युद्ध के चौथे दिन कम से कम 5 लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए.
अमेरिकी राजदूत माइक हुकाबी ने एक्स पर कहा कि एक मिसाइल तेल अवीव में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के पास गिरी, और इसके टकराने से मामूली क्षति हुई. इस हमले में अमेरिकी कर्मियों को कोई चोट नहीं आई. ईरान ने इजरायल पर मिसाइल हमले फिर से शुरू किए, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए.
अमेरिकी राजदूत माइक हुकाबी ने कहा कि सोमवार को ईरान की मिसाइल के टकराने से तेल अवीव में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को मामूली नुकसान पहुंचा है. इजरायल के तेल अवीव पर ईरानी हमले के दौरान मिसाइलों को रोकने के लिए इजरायली आयरन डोम वायु रक्षा प्रणाली ने फायरिंग की.
अमेरिकी राजदूत माइक हुकाबी ने एक्स पर कहा कि एक मिसाइल तेल अवीव में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के पास गिरी. इस मिसाइल के टकराने से मामूली क्षति हुई. वहीं अमेरिकी कर्मियों को कोई चोट नहीं आई.
ईरान ने घोषणा की कि उसने लगभग 100 मिसाइलें दागी हैं. इसके साथ ही ईरान ने अपने सैन्य और परमाणु बुनियादी ढांचे पर इजरायल के व्यापक हमलों का जवाब देने की कसम खाई है, जिसमें पिछले शुक्रवार से देश में कम से कम 224 लोग मारे गए हैं.
इन हमलों से इजरायल में मरने वालों की कुल संख्या कम से कम 19 हो गई है. वहीं जवाब में इजरायली सेना ने कहा कि लड़ाकू विमानों ने तेहरान में ईरान के कुद्स फोर्स से संबंधित 10 कमांड केंद्रों पर हमला किया है. कुद्स फोर्स, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड की एक विशिष्ट शाखा है, जो ईरान के बाहर सैन्य और खुफिया अभियान चलाती है.
सोमवार को भोर से कुछ समय पहले तेल अवीव में शक्तिशाली विस्फोट हुए, जो संभवत: ईरानी मिसाइलों को रोकने वाले इजरायली रक्षा प्रणालियों से हुए थे. इससे तटीय शहर के ऊपर आसमान में काले धुएं का गुबार छा गया.
मध्य इजरायली शहर पेटाह टिकवा के अधिकारियों ने कहा कि ईरानी मिसाइलों ने वहां एक आवासीय इमारत को निशाना बनाया. इस हमले में कंक्रीट की दीवारें जल गईं. खिड़कियां टूट गईं. इसके अलावा कई अपार्टमेंट की दीवारें उखड़ गईं.
इजरायली मैगन डेविड एडोम आपातकालीन सेवा ने बताया कि दो महिलाएं और दो पुरुष - सभी की उम्र 70 के आसपास है - और एक अन्य व्यक्ति मिसाइल हमलों में मारे गए. इस हमले में मध्य इजरायल में 4 साइटों को निशाना बनाया गया.
पेटा टिकवा में बमबारी वाली इमारत के बाहर इजरायली पुलिस प्रवक्ता डीन एल्सडुने ने कहा, हम स्पष्ट रूप से देख रहे हैं कि हमारे नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है. और यह सिर्फ एक दृश्य है. हमारे पास दक्षिण में तट के पास इस तरह की अन्य साइटें हैं. पेटा टिकवा निवासी योराम सूकी हवाई हमले की चेतावनी सुनने के बाद अपने परिवार के साथ एक आश्रय में भाग गए, और जब यह खत्म हो गया तो उन्होंने पाया कि उनका अपार्टमेंट नष्ट हो गया है.
60 वर्ष व्यक्ति ने कहा, भगवान का शुक्र है कि हम सुरक्षित हैं. अपना घर फिर से खोलने के बावजूद उन्होंने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से ईरान पर हमले जारी रखने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, यह पूरी तरह से उपयुक्त है. यह हमारे बच्चों और नाती-नातिनों की नियति है.
मारे गए लोगों के अलावा, एमडीए ने कहा कि पैरामेडिक्स ने 87 अन्य घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया है, जिनमें से एक 30 साल की महिला की भी हालत गंभीर है, जबकि बचाव दल अब भी अपने घर के नीचे के घरों की तलाश कर रहे हैं.
एमडीए के पैरामेडिक डॉ. गैल रोसेन ने कहा, जब हम रॉकेट हमले के स्थान पर पहुंचे, तो हमने भारी तबाही देखी. उन्होंने कहा कि उन्होंने इमारत से आग लगने के दौरान एक 4 दिन के बच्चे को बचाया था. रविवार को मध्य इजरायल पर ईरानी मिसाइलों के हमले के दौरान, ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि अगर इजरायल भी ऐसा ही करता है, तो ईरान अपने हमले रोक देगा.
लेकिन एक दिन तक इजरायल के हवाई हमलों के बाद, जिसमें सैन्य प्रतिष्ठानों से आगे बढ़कर तेल रिफाइनरियों और सरकारी इमारतों को निशाना बनाया गया. रिवोल्यूशनरी गार्ड ने सोमवार को कड़ा रुख अपनाया और कसम खाई कि हमलों के अगले दौर पिछले दौरों की तुलना में अधिक शक्तिशाली, गंभीर, सटीक और विनाशकारी होंगे. स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह भी बताया कि ईरान में 1,277 लोग घायल हुए हैं, सैन्य अधिकारियों और नागरिकों के बीच कोई अंतर नहीं किया गया.
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं नामक वाशिंगटन स्थित ईरानी वकालत समूह जैसे अधिकार समूहों ने सुझाव दिया है कि ईरानी सरकार द्वारा बताई गई मौतों की संख्या काफी कम है. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने 400 से अधिक लोगों के मारे जाने का दस्तावेजीकरण किया है, जिनमें 197 नागरिक शामिल हैं.
इजरायल का तर्क है कि ईरान के शीर्ष सैन्य नेताओं, यूरेनियम संवर्धन स्थलों और परमाणु वैज्ञानिकों पर उसका हमला ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोकने के लिए आवश्यक था. ईरान ने हमेशा जोर दिया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है, और यू.एस. और अन्य ने आकलन किया है कि तेहरान ने 2003 से परमाणु हथियार बनाने का प्रयास नहीं किया है.
लेकिन ईरान ने हाल के वर्षों में यूरेनियम के बड़े भंडार को हथियार-ग्रेड स्तरों के करीब समृद्ध किया है. ऐसा माना जाता है कि अगर वह ऐसा करना चाहे तो कुछ ही महीनों में कई हथियार विकसित कर सकता है.
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