
भगवान रामलला के मंदिर में मुख्यमंत्री योगी ने जलाए श्रद्धा के दीप
- 30-Oct-24 02:48 AM
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अयोध्या ,30 अक्टूबर (आरएनएस)। 22 जनवरी 2024 को रामलला 500 वर्ष बाद अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान हुए। इसके बाद बुधवार को पहला दीपोत्सव हुआ, जब रामलला स्वयं के महल में विराजमान होकर अपनी नगरी को अपलक निहारते रहे।
अयोध्या का सौंदर्य देख रामलला खुद भी भाव-विह्वल हो उठे। योगी सरकार के आठवें दीपोत्सव में राम मंदिर की अनुपम छटा हर किसी को आह्लादित कर रही थी।
रामलला की मौजूदगी में बुधवार को पहला दीपोत्सव मनाया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार शाम श्रीराम मंदिर भी पहुंचे।
मुख्यमंत्री योगी ने सर्वप्रथम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के दर्शन किए, फिर उनके चरणों में श्रद्धा निवेदित की।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री योगी ने प्रभु के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किए। बाहर भी मुख्यमंत्री ने पांच-पांच दीप जलाए। वहीं, मंदिर प्रांगण में हजारों दीप प्रज्ज्वलित किए गए।
अयोध्या में सरयू नदी के किनारे भव्य दीपोत्सव समारोह देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं। अयोध्या में दीपोत्सव के दौरान सरयू नदी के किनारे घाटों को रोशन करने के लिए 25 लाख दीये जलाए जा रहे हैं।
श्रीराम मंदिर में दीप प्रज्ज्वलन के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, श्रीराम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी अनिल मिश्र मौजूद रहे।
प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या एक नया इतिहास रच रहा : मुख्यमंत्री योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को आठवें दीपोत्सव के अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या एक नया इतिहास रच रहा है। यह वर्ष अयोध्या के लिए अद्भुत, अनुपम, अलौकिक है, जब इस वर्ष 500 वर्षों का इंतजार समाप्त करके एक बार फिर रामलला अपने धाम में विराजमान होकर दुनिया के सभी पीडि़तों को ये संदेश दे गए कि कभी भी अपने पथ से विचलित नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या एक नया इतिहास रच रहा है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूरी दुनिया ने हमारी संस्कृति को जाना है। सनातन धर्म एक ऐसा धर्म है, जिसने सभी को अपने सीने से लगाया। यह धर्म किसी से नफरत नहीं करता है।
उन्होंने कहा कि आज हमारे पास यह अवसर है, उन सभी आत्माओं को स्मरण करने का, जिनका पूरा जीवन राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए समर्पित था। मैं इस अवसर पर उन सभी पूज्य संतों को नमन करता हूं, जो 3.5 लाख की संख्या में अपनी शहादत देकर एक ही तमन्ना के साथ इस धरा से अलविदा हो गए कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए। उनका संकल्प पूरा हुआ। रामलला के विराजमान होने के बाद ये दीपोत्सव का पहला अवसर है। इससे पहले हम लोग बोलते थे और जो हमने कहा वो करके भी दिखाया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जिस तरह की भव्यता आज अयोध्या में है, वैसी ही भव्यता काशी और मथुरा में हो। देश की हर धार्मिक नगरी में उत्सव जैसा माहौल हो। हम भेदभाव नहीं करते। हम भाषा, जाति और मजहब के नाम पर भेदभाव नहीं करते। राजा राम के गद्दी पर बैठने के बाद जो हुआ था, वही कर रहे हैं। आज उसी तर्ज पर श्रेष्ठ भारत जन्मा है।
उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियां पहले राम के नाम पर प्रश्न खड़ा करती थी। अब पूरी दुनिया राम को मान रही है।
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