भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा.राजेन्द्र प्रसाद की 139वीं जयंती पर राष्ट्र ने उनका कृतज्ञ स्मरण किया

  • 03-Dec-23 11:49 AM

नई दिल्ली , 03 दिसंबर (आरएनएस)। राजेन्द्र चिंतन समिति द्वारा आयोजित भारत के प्रथम राष्ट्रपति  डा.राजेन्द्र प्रसाद की 139 वी जंयती पर अयोजित 

समारोह का आरंभ दिल्ली विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. योगानंद शास्त्री, श्री सोमनाथ भारती, विधायक, मालवीय नगर , दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन, चिंतन समिति के उपाध्यक्ष श्री विजयशंकर चतुर्वेदी , संयोजक श्री राम कृष्ण शर्मा ने मंगलदीप प्रज्जवलित कर राजेन्द्र बाबू के प्रति सम्मान व्यक्त किया। सोमनाथ भारती ने कहा कि राजेन्द्र बाबू ने स्वाधिनता संग्राम में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। गांधी, नेहरू,सरदार पटेल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर राष्ट्र को स्वाधीन कराने में उनका अनुकरणीय योगदान रहा। देश संविधान से चलता है हम सबको आज प्रतिज्ञा लेनी चाहिए की  डा. राजेंद्र बाबू  के दिखाए गए हुए मार्ग पर चले । दिल्ली विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. योगानंद शास्त्री ने कहा , डा. राजेन्द्र प्रसाद जी एक महान स्वतंत्रता सेनानी एवं सच्चे देशभक्त थे। उनका संविधान की रचना में विशेष योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि राजेन्द्र बाबू ने अपने त्याग, तपोनिष्ठ जीवन को राजनीतिक गरिमा प्रदान की । चिंतन समिति के उपाध्यक्ष विजयशंकर चतुर्वेदी ने कहा कि "डा. राजेन्द्र प्रसाद ने स्वतंत्रता संग्राम के दिनों से देश सेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया और आजीवन निष्ठापूर्वक उस मार्ग पर चलते रहे। । राजेन्द्र बाबू की नीति थी कि भारत एक था है और  एक रहेगा को  कायम रखने का हमें आज फिर से प्रण लेना चाहिए। राजेंद्र चिंतन समिति के संयोजक राम कृष्ण शर्मा ने कहा,  " लोकतंत्र और एकता के लिए उनके प्रयास पीढ़ियों तक गूंजते रहेंगे। वह गहन बुद्धिमता और दृढ़ नेतृत्व के अत्यंत गर्व का स्रोत थे।

इस अवसर पर मनोज कुमार शर्मा , पीआर गुरु के संस्थापक, समाजसेवी श्री  राहुल शर्मा, वरिष्ट पत्रकार श्री सुनील नेगी को शॉल और राजेंद्र बाबू का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।  मनोज कुमार शर्मा 

ने सम्मान प्राप्त करते हुए कहा कि डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने सादगी और नैतिकता के उच्च मापदंड स्थापित किये। आज हम उनके दिखाये गये रास्ते पर चलकर उन्हे सच्ची श्रद्धांजली अर्पित कर सकते हैं।




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