भारत में स्टारङ्क्षलक सबको नहीं मिलेगा, सरकार ने लगाई यह बड़ी शर्त, जानें किसे मिलेगी प्राथमिकता

  • 27-Oct-25 08:25 AM

नई दिल्ली ,27 अक्टूबर । टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी 'स्टारलिंकÓ जल्द ही भारत में अपनी सेवाओं की शुरुआत करने जा रही है। कंपनी को इसके लिए लगभग सभी जरूरी सरकारी मंजूरियां मिल चुकी हैं और अनुमान लगाया जा रहा है कि जनवरी या फरवरी 2026 में इसे भारतीय ग्राहकों के लिए लॉन्च किया जा सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्टारलिंक को भारत में लॉन्च के लिए अधिकांश सरकारी बाधाओं को पार कर लिया है। फिलहाल, कंपनी को सैटकॉम (स््रञ्जष्टह्ररू) की अंतिम अनुमति और स्पेक्ट्रम अलॉटमेंट का इंतजार है। उम्मीद है कि ये दोनों प्रक्रियाएं साल 2025 के अंत तक पूरी हो जाएंगी, जिसके तुरंत बाद 2026 की शुरुआत में ही देश में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू हो सकती है।
भारत सरकार ने स्टारलिंक के लिए कनेक्शनों की एक ऊपरी सीमा निर्धारित की है। जारी गाइडलाइन के अनुसार, स्टारलिंक को देश में अधिकतम 20 लाख कनेक्शन देने की ही अनुमति होगी। इसका मतलब है कि शुरुआती चरण में कंपनी सीमित संख्या में ही यूजर्स को अपनी सर्विस दे पाएगी। बताया जा रहा है कि कंपनी का मुख्य फोकस ग्रामीण और उन दूर-दराज के इलाकों पर होगा, जहां पारंपरिक ब्रॉडबैंड की पहुंच नहीं है।
भारत में स्टारलिंक इंटरनेट सर्विस का लाभ उठाने के लिए यूजर्स को एक बार का सेटअप चार्ज देना होगा। यह शुल्क लगभग ?30,000 या इससे थोड़ा अधिक हो सकता है, जिसमें हार्डवेयर (डिश) की कीमत शामिल होगी। इसके अलावा, हर महीने का सब्सक्रिप्शन शुल्क ?3,300 से शुरू होने की संभावना है। हालांकि यह कीमत मौजूदा ब्रॉडबैंड सेवाओं से काफी अधिक है, लेकिन यह उन दूरस्थ इलाकों के लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है जहाँ हाई-स्पीड इंटरनेट एक सपना है।
स्टारलिंक भारत में 25 रूड्ढश्चह्य से लेकर 225 रूड्ढश्चह्य तक की इंटरनेट स्पीड देने का दावा कर रही है। माना जा रहा है कि प्रारंभिक प्लान में यूजर्स को 25 रूड्ढश्चह्य की स्पीड मिल सकती है, जबकि प्रीमियम या हाई-एंड प्लान में यह स्पीड 225 रूड्ढश्चह्य तक जा सकती है। यह सेवा विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए डिजाइन की गई है, जहां फाइबर या केबल नेटवर्क उपलब्ध नहीं है।
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