
ममता बनर्जी और राहुल गांधी के दिल में भी काबा और नजर में मदीना है : सुधांशु त्रिवेदी
- 27-Sep-25 02:48 AM
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नई दिल्ली,27 सितंबर (आरएनएस)। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में तृणमूल कांग्रेस के विधायक द्वारा मां दुर्गा पंडाल में ‘जल्दी मुझे ले चलो, मेरे दिल में है काबा और मेरे मन में है मदीना’ वाले गीत पर आपत्ति जताते हुए इसे राहुल गांधी के ‘शक्ति से लड़ने’ वाले बयान से प्रेरित बताया। त्रिवेदी ने कहा कि संपूर्ण देश में नवरात्र का पावन पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। सभी लोग पूर्ण श्रद्धा भाव से शक्ति की आराधना में लगे हैं। जीएसटी की दरों में कटौती के बाद इस बार उल्लास और भी अधिक है। परंतु जहां एक तरफ पूरा देश शक्ति की आराधना के इस पर्व में श्रद्धा भाव से लगा है, वहीं इंडी गठबंधन के नेताओं के बहुत से दुर्भाव व संदिग्ध मनोभाव उभरकर सामने आ रहे हैं। मार्च 2024 में राहुल गांधी के मुंह से यह बात निकल गई थी कि हमें हिंदू धर्म में जो शक्ति है, उससे लड़ना है। प्रतीत होता है कि उस शक्ति से, उस शक्ति पर भीतर घात करने की शुरुआत भी शक्ति की आराधना के इस नवरात्र पर्व से ही हो रही है। भाजपा सांसद ने कहा कि कुछ दिन पूर्व कर्नाटक में विश्व प्रसिद्ध मैसूर दशहरे के उद्घाटन के समय देवी जी के मंदिर में कर्नाटक की सरकार ने पूजा-अर्चना ‘बानू मुस्तफा’ से कराई, वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक दुर्गा पंडाल में बहुत इबादत के साथ ताली बजाते हुए इस गाने का आनंद ले रही हैं कि ‘जल्दी मुझे ले चलो, मेरे दिल में है काबा और मेरे मन में है मदीना’। हालांकि इसमें कोई बुराई नहीं है, किसी के भी दिल में काबा हो सकता है और नजर में मदीना हो सकता है।ममता बनर्जी और राहुल गांधी के दिल में भी काबा और नजर में मदीना हो सकता है मगर समस्या यहां उत्पन्न होती है कि यह गाना नवरात्र के पावन पर्व पर दुर्गा पंडाल के भीतर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की उपस्थिति और उनके प्रोत्साहन के साथ क्यों गाया जा रहा है? क्या हिंदू धर्म की शक्ति से लड़ने या उस पर आघात करने के राहुल गांधी के संकल्प और इंडी गठबंधन के द्वारा सनातन धर्म के समूल नाश के लिए लैंड माइंस बिछाने की शुरुआत की जा रही है? राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि कि इंडी गठबंधन और देश के प्रबुद्ध जवाब दें, जो यह कहते हैं कि किसी संपत्ति के लिए उसी मजहब के लोग होने चाहिए, उन्हें पूजा-अर्चना में दूसरे मजहब के गीत गाए जाना मधुर सेक्युलर संगीत क्यों लग रहा है? इसके भीतर छिपे हुए गहरे मनोभाव और कट्टरपंथी वोटों को संतुष्ट करने की विक्षिप्तता या खतरनाक योजना छिपी हुई है, जिसके प्रति देश को जागरूक होने की आवश्यकता है। नवदुर्गा का पर्व संपूर्ण देश के लिए श्रद्धा का विषय तो है ही लेकिन पश्चिम बंगाल में इस पर्व का धर्म, संस्कृति और परंपरा में अत्यंत विशिष्ट स्थान है। यदि पश्चिम बंगाल में नवदुर्गा के समय ऐसा हुआ है, तो यह भारत के हिंदू धर्म और संस्कृति के साथ-साथ बंगाल की संस्कृति पर भी कट्टरपंथी तुष्टीकरण राजनीति का गहरा साया है। इसपर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। इंडी गठबंधन जवाब दे कि दुर्गा पंडाल में गाए जाने वाले इस गीत पर उनकी सेक्युलर दृष्टि क्या है? ये वही लोग हैं जो आमंत्रण पर राम मंदिर नहीं गए, लेकिन बिना आमंत्रण के दुर्गा पंडाल में आकर काबा और मदीना की अकीदत अपने दिल से इजहार कर रहे हैं। ममता बनर्जी जी और राहुल गांधी उत्तर दें कि इस विषय पर उनकी पार्टी का असली मंतव्य क्या है?
डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल गए थे और जिस पंडाल में उन्हें जाना था, वहां आसपास के क्षेत्रों से श्री अमित शाह जी के पोस्टर अपमानजनक तरीके से हटा कर ममता बनर्जी जी के पोस्टर लगा दिए गए। ममता बनर्जी जी पश्चिम बंगाल में हारने जा रही हैं - इससे उनके मन में जो छटपटाहट, ईर्ष्या और चिंता है, वह स्पष्ट दिख रही है। एक और दुर्गा पंडाल जो ऑपरेशन सिंदूर की थीम पर था, उसे न सिर्फ खुलवा दिया गया बल्कि सरकार की तरफ से मिलने वाला प्रतीकात्मक अनुदान भी वापस ले लिया गया। यह स्पष्ट है कि हिंदू धर्म और संस्कृति के प्रति पश्चिम बंगाल की सरकार में किस प्रकार की तिरस्कार, अवमानना, अपमान और घृणा की भावना उभरकर सामने आ रही है, पश्चिम बंगाल की जनता उसे देख रही है।
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