मराठी मानुष को लेकर फिर से मैदान सजाना चाहते हैं ठाकरे परिवार
- 10-Jul-25 12:00 AM
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अजय दीक्षितअभी कुछ दिनों पहले ही खबर आई थी कि उद्धव और राज ठाकरे ने आपस में समझौता कर राजनीति की एक राह पकड़ली है।एक सप्ताह में ही राज ठाकरे की पार्टी ने वही बात आंदोलित कर दी कि मुंबई मराठी भाषा बोलने वालों की है और हम महाराष्ट्र में तीसरी या दूसरी भाषा हिंदी को नहीं चलने देंगे।यह कहना ही था कि भारतीय जनता पार्टी के मुखर सांसद निशिकांत दुबे ने कह दिया कि हम बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश में मराठी भाषा बोलने वालों को पटक पटक कर मारेगे।बस मुंबई में आज मीरा रोड पर एम एन एस के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया बदले में मुंबई पुलिस ने लाठी चार्ज कर भीड़ को खदेड़ दिया।1966 में तत्कालीन एक कार्टूनिस्ट बाल ठाकरे ने मुंबई में शिवसेना नामक एक राजनीतिक दल की स्थापना की थी और उनका उद्देश्य भी यही था कि भाषा के आधार पर मुंबई में राजनीत की जाय तब स्व बाल ठाकरे मुंबई महा पालिका में सक्रिय थे। लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा में उसका कोई विशेष बर्चस्व नहीं था। महाराष्ट्र में कांग्रेस के सामने कुछ हलकों में पहले जनसंघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी का बजूद था।1989 में शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी का राजनीतिक गठबंधन बना और बीएमसी में एक साथ चुनाव लड़े । उसके बाद 1995 में यह गठबन्धन सत्ता में आया। शिव सेना बड़े भाई की भूमिका में थी क्योंकि उसके अधिक विधायक लड़े भी और जीत कर भी आए । मनोहर जोशी राजग के पहले मुख्यमंत्री बने। लेकिन 2014 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 121 सीट जीती और देवेंद्र फडणवीस भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री बने लेकिन 2019 के विधानसभा चुनावों में 107 भारतीय जनता पार्टी ने जीती और 63 पर शिवसेना। शिव सेना ने मुख्यमंत्री पद मांगा तो भारतीय जनता पार्टी ने इनकार कर दिया। उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस, हृष्टक्क, से मिलकर सरकार बना ली।यही से भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के रास्ते अलग हो गए।2022 में 10 अक्तूबर को शिव सेना में एक नाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह हो गया और लगभग सभी विधायक शिंदे के साथ चले गए और शिंदे भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से मुख्यमंत्री बने।शिंदे ने अपनी अलग शिव सेना बनाली।2024 के चुनाव में अजीत पवार एनसीपी,शिंदे शिव सेना और भारतीय जनता पार्टी ने 288 में से दो तिहाई 238 जीत दर्ज कर सरकार बनाई और देवेंद्र फडणवीस पुन: मुख्यमंत्री बने।उद्धव ठाकरे को इन विधानसभा चुनावों में मात्र 23 सीट मिली ।इस प्रकार ठाकरे परिवार का मुंबई और महाराष्ट्र से बाजूद समाप्त हो गया।अब निकट भविष्य में 76000 करोड़ सलीना बजट बाली बीएमसी के चुनाव होने हैं और ठाकरे परिवार पुन: प्रति स्थापित होना चाहता है तो उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे को मनाया है और वहीं मुद्दा मराठी मानुष का बोलबाला उठाया है। केंदीय सरकार की शिक्षा नीति में हिंदी,एक स्थानीय भाषा और अंग्रेजी भाषा पढ़ाने की बात है उस नीति को भी निशाना बनाना था मगर मुख्यमंत्री श्री देवेंद फडणवीस ने उससे पहले ही हिंदी न पढ़ाने की घोषणा कर दी।ठाकरे परिवार अब पुन: मराठी मानुष के प्रमुख मुद्दे पर उतर कर पुन: राजनीतिक जमीन तलाश रहा है।
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