महानगर कोलकाता में ओवरहेड तारों के मकड़ा जाल पर गिरेगी गाज

  • 13-Oct-25 02:10 AM

केबल ऑपरेटरों को छठ पूजा से पहले ओवरहेड तारों को हटाने की सख्त चेतावनी
जगदीश यादव
कोलकाता 13 Oct, (rns) । महानगर कोलकाता का बड़ा बाजार इलाका हो या फिर महेशतल्ला नगर पालिका अंचल। खिदिरपुर हो या फिर तपसिया या तिलजला जैसे महानगर कोलकाता के क्षेत्र। हर जगह सड़कों के ऊपर उलझे हुए तारों से महानगर की सुदंरता को जहां पलीता लग रहा है तो इससे अव्यवस्था फैलती है। शहर के तमाम लोगों का आरोप है कि उक्त सड़कों के ऊपर उलझे हुए तारों से आग लगने या दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है और हादसे होते भी है। इस समस्या को ठीक करने के लिए, तमाम बार तारों को चरणबद्ध तरीके से भूमिगत करने की बात तो की गई लेकिन ऐसा नहीं हुआ।  बिजली और केबल कंपनियों के बीच कोई तालमेल नहीं होने के कारण हालात बदत्तर है। लोग चाह कर भी अनधिकृत केबलों की जाल को रोक नहीं पा रहें हैं। ऐसे में कोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने केबल ऑपरेटरों को छठ पूजा से पहले कोलकाता की सड़कों से उलझे हुए ओवरहेड तारों को हटाने का अंतिम अल्टीमेटम दिया है। बार-बार चेतावनी के बावजूद, ऑपरेटरों ने कोई कार्रवाई नहीं की है, जिससे पूरे कोलकाता में सुरक्षा और सौंदर्य संबंधी चिंताएं पैदा हो रही हैं। मेयर-इन-काउंसिल के सदस्य संदीप रंजन बख्शी ने कहा कि अगर ऑपरेटर निर्देशों की अनदेखी करते रहे तो नगर निगम छठ पूजा के बाद सख्त कार्रवाई करने के लिए मजबूर होगा। इधर मामले पर महानगर कोलकाता के लोगों ने कहा कि, जो भी उलझे हुए तार हैं उन्हें व्यवस्थित रूप से भूमिगत किया जाना चाहिए। इससे यह दुर्घटनाएं कम होगी और शहर की सुंदरता बनी रहेगी। लोगों का मानना है कि बिजली, ब्रॉडबैंड और केबल टीवी प्रदाताओं के बीच मजबूत समन्वय के लिए एक नगर पालिका के अधीन होना चाहिए, ताकि केबलों तारों के मकड़ा जाल पर रोक लग सके। अनधिकृत केबल बिछाने के लिए दंड और लाइसेंस अनिवार्य करने से जवाबदेही बढ़ेगी और सुरक्षा सुनिश्चित होगी। बहरहाल भले ही भूमिगत केबल बिछाना हमेशा संभव न हो, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि मौजूदा ओवरहेड तार सुरक्षित हों और पुराने या क्षतिग्रस्त तारों को तुरंत बदला जाए। 




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