मीरजापुर में सवारियों से भरी अनियंत्रित बस जंगल में पलटी पांच की मौत, कई घायल, मचा हड़कंप

  • 27-Oct-23 02:09 AM

-जानकारी होते ही पहुंचे आलाधिकारी
--किसी का चल रहा उपचार , तो किसी को किया गया अन्यत्र के लिए रेफर
---अस्पताल में अधिकारियों का लगा रहा तांता
मीरजापुर ,27 अक्टूबर (आरएनएस)। जंगलों पहाड़ों वाले एरिया संतनगर थाना क्षेत्र के लालगंज तहसील अंतर्गत ददरी बांध के नीचे सड़क पर शुक्रवार को सुबह खचाखच सवारियों से भरी बस अनियंत्रित होकर पलट गई। जिसमें सवार पांच यात्रियों की मौके पर मौत दर्दनाक हो गई है और दो दर्जन दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। बस में 31 से अधिक लोग सवार थे। दुर्घटना का मंजर देखकर मौके पर मौजूद लोगों के दिल जहां डाल जा रहे थे वहीं बस के परकच्छे उड़ गए थे। जानकारी के मुताबिक मीरजापुर से प्राइवेट बस सवारी लेकर हलिया थाना क्षेत्र के कुशियरा मतवार गांव के लिए जा रही थी। बस जैसे ही संतनगर थाना अंतर्गत दादरी बांध के नीचे सुलूस गेट के पास पहुंची थी कि अनियंत्रित होकर पलट गई और बस में सवार दो बच्चों समेत पांच लोगों की मौत हो गई। दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। जिनका विभिन्न अस्पतालों में दवा इलाज चल रहा हैं। बस हादसे की जानकारी होते ही जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन, पुलिस अधीक्षक अभिनंदन घटनास्थल पर पहुंचे जहां के हालात का जायजा लेने के पश्चात सीधे लालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचकर घायलों का हाल-चाल लिए। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया की सभी घायलों का समुचित उपचार करने के साथ ही साथ इसमें किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए। जानकारी होते ही काफी संख्या में मृतकों एवं घायलों के परिजन भी स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंच गए थे जिससे वहां अफरा तफरी का माहौल बना रहा। सुरक्षा की दृष्टि से काफी संख्या में आसपास की थानों की पुलिस भी तैनात कर दी गई थी। लोगों की चीज पुकार से पूरा वातावरण गम भरा हो गया था।
इन बाक्स मैटर
डीएम ने मृतकों को सरकारी राहत राशि दिए जाने कि की घोषणा
बस हादसे में असमय जान गंवाने वाले परिवारों के लिए जिलाधिकारी ने सभी मृतकों को सरकारी सहायता दिए जाने की घोषणा किया। कहा कि निश्चित तौर पर यह हादसा दु:खदाई होने के साथ ही साथ हताहत परिवारों के लिए एक बड़ी मुसीबत के तौर पर सामने आया है जिसकी भरपाई कर पाना तो संभव नहीं है लेकिन सरकारी स्तर पर उन्हें समुचित सहयोग राशि प्रदान किया जाएगा। बस में सवार मृतकों में 25 वर्षीया मनीता मतवार हलिया, 26 वर्षीय ममता पत्नी सुरेश बढ़ौना संतनगर, 02 वर्षीय अभिषेक पुत्र सुरेश बढ़ौना संतनगर, 40 वर्षी सत्यनारायण पुत्र भोला एवं 10 वर्षीय विष्णु पुत्र राजेश बाबू गोंडऱ संतनगर के निवासी हैं। सभी मृतकों का शव लालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से पोस्टमार्टम के लिए एंबुलेंस के माध्यम से भेज दिया गया है। जबकि  लालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से 9 लोगों को रेफर किया गया है। जिसमें 60 वर्षीय कलावती, 35 वर्षीय महेश दीपनगर, घोरी निवासी 60 वर्षीय दीप नारायण यादव, 40 वर्षीय राजगढ़ निवासी सावित्री, 25 वर्षीय अनीता निवासी कन्हौही व पुत्र 5 वर्षीय अमरेश, 45 वर्षीया सुशीला घोरावल, 35 वर्षीय निर्मला रामपुर पिड़रिया को रेफर किया गया। 40 वर्षीय श्याम देवी बाबू गोडऱ,45 वर्षीय सोमारी, बढ़ौना निवासी 25 वर्षीय सरिता, 7 वर्ष रामप्रवेश दीपनगर, चकोटार निवासी 40 वर्षी रामसखा का प्राथमिक विकास सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार किया जा रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर घायलों का हाल-चाल जानने के लिए मुख्यालय से अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व शिव प्रताप शुक्ला, सीएमओ डॉक्टर सीएल वर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन ओम प्रकाश सिंह पहुंचे। जबकि पहले से ही लालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और दुर्घटना स्थल पर क्षेत्राधिकार लालगंज मंजरी राव, उपजिलाधिकारी मडि़हान, लालगंज उप जिलाधिकारी के अलावा लालगंज, हलिया, संतनगर, मडि़हान के थानाध्यक्ष भी दलबल के साथ मौजूद रहें। 
गौरतलब है कि बस हादसे में असमय जान गंवाने वालों में अधिकांश आदिवासी गरीब पिछड़े परिवार से तालुकात रखने वाले लोग शामिल हैं। घायलों में भी इनकी अत्यधिक संख्या होनी बताई जा रही है। बताते चले कि मिर्जापुर का मतवार जिले का अंतिम छोर है, जहां आवागमन के लिए सड़क का आज भी घोर अभाव बना हुआ है इन इलाकों के लोग आज भी वाहनों की छत पर भी बैठकर यात्रा करने के लिए मजबूर है सरकारी बस सेवा की बात तो दूर सड़क और रास्तों का भी घोर अभाव बना हुआ है। घायलों की माने तो बस की रफ्तार अत्यधिक होने की वजह से हादसा होना बताया जा रहा है। कुछ सवारी ने बीच रास्ते में इसके लिए बस चालक को टोका भी था, लेकिन बस चालक अपनी धुन में बस को दौड़ाये जा रहा था। आखिरकार जिसका लोगों को भय था वही हुआ भी, बस पलटते ही मौके पर चीख पुकार के साथ अफरा-तफरी माहौल व्याप्त हो गया था। मौके पर जुते आसपास के ग्रामीण एवं उधर से गुजर रहे राहगिरों ने बस में फंसे लोगों को किसी प्रकार बाहर निकाला तो किसी ने पुलिस को सूचना दी तब जाकर मौके पर पुलिस पहुंची
बस हादसे को लेकर जहां तरह-तरह की चर्चा है वहीं बताया जा रहा है कि ब्रेक खोल होने की वजह से बस हादसा हुआ है। हालांकि इस हादसे में  बस 
चालक सत्यनारायण 40 ने भी अपनी जान गंवा दी है, लेकिन अंतिम क्षण में भी उसने सूझबूझ से बस को दूसरी तरफ मोड़ देने का कार्य किया वरना बस अनियंत्रित होकर समीप के नहर में पलटा थी तो एक बड़ा हादसा होता जिसमें शायद ही कोई बचता। दुर्घटना स्थल के समीप ही बेलन नदी नहर लबालब पानी से भारी होने के साथ ही तेज बहाव के साथ बह रही है ऐसे में सहज में ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि बस नहर में पलटती तो एक बड़ा हादसा होता तब शायद ही किसी की जान बचाई जा सकती थी।
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