मुंबई से जुड़े हुए हैं जाली नोट के अवैध कारोबारियों के तार

  • 30-Sep-25 01:54 AM

गैंग से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश तेज
आरोपितों का आपराधिक इतिहास उजागर
बस्ती 30 Sep, :(आरएनएस ) /- 15 लाख रुपये के जाली नोटों के साथ गिरफ्तार किए गए आरोपितों के आपराधिक इतिहास की परतें खुलनी शुरू हो गई हैं। पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि पकड़े गए आरोपित पहले भी इसी तरह के अवैध कारोबार और अन्य संगीन आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। यह संगठित गिरोह मुंबई से छपवा कर जाली नोटों की खेप यहां लाता था। इस मामले के पर्दाफाश के बाद पुलिस ने जाली नोट के इस पूरे अंतर्राज्यीय व स्थानीय गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश तेज कर दी है। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार चारों का आपराधिक रिकार्ड खंगाला गया तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। इस गिरोह पकड़ा गया जनपद बस्ती के मुंडेरवा थानाक्षेत्र के कमोखर निवासी ओमकार पुत्र गोरखनाथ पर वर्ष 2024 में जालसाजी किए जाने का मुकदमा जनपद बलरामपुर जिले के कोतवाली देहात में दर्ज है। इसके अलावा दूसरा आपराधिक मुकदमा अयोध्या जिले रौनाही थाने में आर्म्स एक्ट का मुकदमा वर्ष 2025 में दर्ज है। आरोपित के गांव वालों के अनुसार वह पिछले 20 वर्षों से गांव नहीं आता था। बस्ती शहर में ही रहता है। पांच वर्ष पहले उसने प्रेम-विवाह कर लिया था,लेकिन इसकी पत्नी गांव पर कभी नहीं आई ।गांव पर इसके माता पिता रहते है और इसकी एक बहन पुलिस महतें कांस्टेबल पद पर तैनात है। इधर लगभग 15 दिनों से गांव में कार से आ जा रहा था। गांव वालों को इसकी गतिविधियों की जानकारी नहीं चल पाई थी। कहते हैं कि तीन दिन पहले रात में गांव में पुलिस आई थी और उसे ले गई। बलरामपुर व अयोध्या के मुकदमें वह जेल में रहा और जमानत पर छूटने के बाद उसने फिर से इसने जाली नोट के गोरखधंधे को अंजाम देना शुरू कर दिया। फिलहाल पुलिस की शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि ये कारोबारी किसी बड़े और संगठित गिरोह का हिस्सा हैं, जिसके तार मुंबई तक फैले हुए हैं। एसपी अभिनन्दन ने बताया कि पुलिस जाली नोटों के इस नेटवर्क की गहराई तक जाकर जांच कर रही है। गिरफ्तार आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है ताकि गिरोह के फंडिंग स्रोतों, मुद्रण स्थलों और वितरण नेटवर्क का पता लगाया जा सके।उनके मोबाइल फोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फोरेंसिक जांच की जा रही है, जिससे महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है।
भी जांच कर रही हैं, जहां से इस गिरोह के तार जुड़े हो सकते हैं।
--
अन्य आरोपितों का आपराधिक इतिहास:
जाली नोट के अवैध कारोबारियों में अनुप कुमार सिंह पुत्र शिव प्रसाद सिंह निवासी पटीथ, थाना मनकापुर, गोंडा के खिलाफ सात साल पहले वर्ष 2018 में कोतवाली बस्ती में जालसाजी का मुकदमा दर्ज है। इसके अलावा लखनऊ के सरोजनी नगर थाने में दुष्कर्म व पोक्सो अधिनियम का केस दर्ज वर्ष 2021 में दर्ज है।तीसरे आरोपित राजकुमार गुप्ता पुत्र पारसनाथ गुप्ता निवासी महुली, संतकबीरनगर पर वर्ष 2024 में बलवा मारपीट व अपहरण छल का मुकदमा मुंडेरवा थाने में दर्ज है। चौथे आरोपित शिव कुमार पुत्र रामअचल निवासी आवासीय गागरडाड़, धनघटा, संतकबीरनगर पर वर्ष 2017 में धनघटा आवाश्यक वस्तु अधिनियम व 2023 में धनघटा थाने में ही मारपीट, धमकी व 2024 में मुंडेरवा थाने में अपहरण




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment