मुर्दे का सौदा कर बने ग्राम प्रधान, महिला के साथ अश्लील हरकत व भ्रस्टाचार मामले में बैठी जांच

  • 30-Sep-25 03:24 AM

0-जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारी को जांच के लिये लिखा
प्रयागराज,30 सितंबर (आरएनएस)। प्रयागराज जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान बालगोविन्द पर लगे आरोपों पर जांच के आदेश दे दिये,कभी दिल्ली के बसों में पैन पेंसिल बेच कर पेट पालने वाला जब गाँव आया तो प्रधान बनने के लालच में इस तरह गिरा की सारी मानवता को शर्मसार कर दिया,अपने सगे चचेरे भाई सहित तीन लाशों का सौदा कर बैठा,सहसों ब्लॉक के ग्राम सभा दामोदरपुर तिवारीपुर का मामला उस समय सुर्खियों में था जब 2006 में जातीय संघर्ष में दिन दहाड़े दो ब्राह्मण एक हरिजन की नृशंस हत्या कर दी गई थी उस समय की तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार पर गंभीर आरोप लगे पर असली खलनायक पकड़ से दूर जो इस पूरे घटना का सूत्रधार था,हुआ ये था कि गांव का दशहरा चल रहा था तत्कालीन रामलीला के अध्यक्ष के घर पर दारू पार्टी चल रही थी,पीने वाले दशहरा मैदान में गलती से महिला वाली लाईन में चले गये परंतु उक्त लोग तुरन्त कमेटी से क्षमा मांगे फिर भी अध्यक्ष पुत्र जो नई नई आर्मी में दफ्तरी के पद पर नियुक्ति पाया था जोश मे आकार बहस करने लगा तभी किसी ने अध्यक्ष के मुँह पर सिगरेट की दो चार फूंक मार दी फिर क्या था अध्यक्ष पुत्र शैलेन्द्र त्रिपाठी उर्फ गोपाल जो खुद नशे में था पापा के सम्मान में ब्राह्मण समाज मैदान में,बोलते हुए बालगोविंद त्रिपाठी के साथ मिलकर पुरे गांव को आग में झोंक दिया और दो दिन बाद पंचायत रख दिए,पंचायत में भी गांव के बुजुर्ग ने बहुत सूझ बुझ के साथ दोनों पक्षों को शांति बनाया सब अपने घर वापस जाने लगे,मामला शांत होता देख शैलेन्द्र त्रिपाठी उर्फ गोपाल ने कट्टा से फायर कर दोनों पक्षों में संग्राम करा दिया जिसमें 12 वर्षीय दरोगे तिवारी पुत्र राधेश्याम,धर्मेंद्र हरिजन की हत्या व हरिशंकर त्रिपाठी को मारते मारते जमीन से घसीट ले गये और अधमरे हालात में उसके मूंह में बारी बारी से पेशाब पिलाया,जिसने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया,नामजद हुए लोग जेल गये,यहां से साजिशकर्ताओं की दुकानदारी चालू हुई और मुक़दमे में हरिशंकर के भाई के नाते बालगोविंद गवाह बन पूरे जिले में ब्राह्मण समाज से चंदा वसूली किया समाज ने बड़ चड के मदद भी किया   वही चंदा चोरी कर बेटे अंकित त्रिपाठी के नाम फैजाबाद में प्लाट ले लिया,इसी में अपनी जीविका चलाने के नाम पर बालगोविन्द त्रिपाठी ने कुछ समय के लिये गांव के स्व शशिकांत तिवारी के परिवार से किराने की दुकान के लिए जमीन लिया परन्तु उसके सर पर पाप इस तरह से चडा की जेल में बंद आरोपियों से पैरवी न करने के लिए पैसा लेने लगा जब इससे भी पेट नहीं भरा तो पूरे मुकदमे की ही सौदेबाजी कर डाली शर्त यह रखी तुम हमे प्रधान बनाओ हम तुम्हें आजादी देंगे,हुआ भी वहीं वो लोग बाहर आये और इसे चुनाव जीताया लेकिन हर पापी का अंत आता है,बालगोविंद के पाप का घड़ा भी भर गया,प्रधान बनते ही लूट खसोट चालू जिसमें वित्तीय अनियमितता में 15 महिने बर्खास्त रहा,ग्राम सभा की महिला से अश्लील हरकत में मुक़दमा लिखा गया,पत्नि उषा देवी बेटा अंकित त्रिपाठी के साथ मिलकर 40 बिस्वा सरकारी जमीन कब्जा कर सरकार को भी दो कमरे किराये पर देकर स्वास्थ्य विभाग से 3000 प्रति माह किराया लिया,अंकित ने 35,770 स्टाम्प चोरी,4,68378 रुपये बिजली चोरी भूमाफिय़ा रंगदारी चरम सीमा पर इसके हर गुनाह में पत्नी उषा देवी पुत्र अंकित त्रिपाठी बराबर के हिस्सेदार है इसकी भ्रस्टाचार जांच में बतौर अधिवक्ता मनीष तिवारी को दबाव में लेने के लिये थाने में घुसकर पिता पुत्र द्वारा जानलेवा हमला,जिसमें उप निरीक्षक को भी गंभीर चोट आने पर पिता पुत्र जेल गये,अब मृतक दरोगे तिवारी के पिता राधेश्याम का कहना है कि मैं ब्राह्मण समाज से पूछना चाहता हूं कि मुझे समाज से बाहर क्यूँ निकाला गया था और बाल गोविंद त्रिपाठी पर कोई कार्रवाई क्यूँ नहीं,समय रहते उक्त व्यक्तियों पर कार्यवाई नहीं हुई तो किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं!
००




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment