युद्ध के दौरान मारे गए 383 सहायताकर्मी, गाजा में बड़ी तबाही

  • 19-Aug-25 12:55 PM

संयुक्त राष्ट्र,19 अगस्त। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि 2024 में वैश्विक हॉटस्पॉट में रिकॉर्ड 383 सहायता कर्मी मारे गए, जिनमें से आधे अकेले गाजा में मारे गए. संयुक्त राष्ट्र मानवीय कार्यालय ने मंगलवार को उन हज़ारों लोगों के सम्मान में आयोजित वार्षिक दिवस पर कहा कि 2024 में वैश्विक हॉटस्पॉट में रिकॉर्ड 383 सहायता कर्मी मारे गए. इनमें से लगभग आधे इजराइल और हमास के बीच युद्ध के दौरान गाजा में मारे गए.
संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता प्रमुख टॉम फ्लेचर ने कहा कि रिकॉर्ड संख्या में हत्याएं, संघर्ष में फंसे नागरिकों और उनकी मदद करने की कोशिश कर रहे सभी लोगों की सुरक्षा के लिए एक चेतावनी होनी चाहिए.
फ्लेचर ने विश्व मानवता दिवस पर एक बयान में कहा, इस पैमाने पर, बिना किसी जवाबदेही के, हमले अंतरराष्ट्रीय निष्क्रियता और उदासीनता का शर्मनाक उदाहरण हैं.
उन्होंने आगे कहा, मानवतावादी समुदाय के रूप में, हम एक बार फिर मांग करते हैं कि सत्ता और प्रभाव रखने वाले लोग मानवता के लिए काम करें, नागरिकों और सहायताकर्मियों की रक्षा करें और अपराधियों को जवाबदेह ठहराएं.
गौर करें तो सहायता कर्मी सुरक्षा डेटाबेस साल 1997 से रिपोर्टें संकलित करता आ रहा है. उसके अनुसार, हत्याओं की संख्या 2023 में 293 से बढ़कर 2024 में 383 हो गई. इनमें गाजा में 180 से ज़्यादा मौतें शामिल हैं.
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) के अनुसार, मारे गए ज़्यादातर सहायता कर्मी अपने समुदायों की सेवा करने वाले राष्ट्रीय कर्मचारी थे. उन पर काम के दौरान या उनके घरों में हमला किया गया. ओसीएचए ने कहा कि इस साल अब तक, आंकड़ों में इस बढ़ती प्रवृत्ति के उलट होने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है.
डेटाबेस के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल सहायता कर्मियों पर 599 बड़े हमले हुए. ये संख्या 2023 में हुए 420 हमलों से काफ़ी ज़्यादा है. साल 2024 में हुए हमलों में 308 सहायता कर्मी घायल भी हुए. वहीं 125 का अपहरण हुआ और 45 को हिरासत में लिया गया. डेटाबेस के मुताबिक, बीते 7 महीनों में 245 से ज़्यादा बड़े हमले हुए हैं और 265 सहायता कर्मी मारे गए.
गौर करें तो इस साल के सबसे घातक और भयावह हमलों में से एक दक्षिणी गाजा शहर राफा में हुआ, जब 23 मार्च को भोर से पहले इजराइली सैनिकों ने गोलीबारी की. इसमें स्पष्ट रूप से चिह्नित वाहनों में सवार 15 चिकित्सकों और आपातकालीन प्रतिक्रियाकर्ताओं की मौत हो गई.
इस दौरान सैनिकों ने शवों और उनके क्षतिग्रस्त वाहनों को बुलडोजऱ से कुचल दिया और उन्हें सामूहिक कब्र में दफना दिया. संयुक्त राष्ट्र और बचावकर्मी एक हफ्ते बाद ही घटनास्थल पर पहुंच पाए.
संयुक्त राष्ट्र के फ्लेचर ने कहा, किसी भी मानवीय सहयोगी पर एक भी हमला हम सभी पर और उन लोगों पर हमला है जिनकी हम सेवा करते हैं. सहायता कर्मियों के खिलाफ हिंसा अपरिहार्य नहीं है. इसे समाप्त होना ही चाहिए.
डेटाबेस के अनुसार, 2024 में 21 देशों में सहायता कर्मियों के खिलाफ हिंसा पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ी है, जिसमें सरकारी बल और सहयोगी सबसे आम अपराधी हैं.
डेटाबेस के मुताबिक, पिछले साल सबसे ज़्यादा बड़े हमले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में हुए, जहाँ 194 हमले हुए, उसके बाद सूडान में 64, दक्षिण सूडान में 47, नाइजीरिया में 31 और कांगो में 27 हमले हुए.
हत्याओं के मामले में, सूडान, जहां गृहयुद्ध अब भी जारी है, गाजा और पश्चिमी तट के बाद दूसरे स्थान पर है, जहां 2024 में 60 सहायताकर्मियों की जानें गई. यह संख्या 2023 में हुई 25 सहायताकर्मियों की मौत से दोगुनी से भी ज़्यादा है.
लेबनान, जहां पिछले साल इजराइल और हिज़्बुल्लाह के उग्रवादियों ने युद्ध लड़ा था, वहां 20 सहायताकर्मियों की मौत हुई, जबकि 2023 में एक भी नहीं मारा गया. डेटाबेस के अनुसार, इथियोपिया और सीरिया में 14-14 हत्याएं हुईं, जो 2023 की तुलना में लगभग दोगुनी है. यूक्रेन में 2024 में 13 सहायताकर्मियों की मौत हुई, जो 2023 में मात्र 6 थी.
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