
यूक्रेन पर रूस का भीषण हमला, 100 से अधिक ड्रोन और 150 बम; अब जेलेंस्की को हथियार देगा अमेरिका
- 17-Sep-25 12:16 PM
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कीव ,17 सितंबर । रूसी सेना ने यूक्रेन के जपोरिजिया शहर पर बड़े हमले किए। रूस ने इस दौरान 100 से अधिक ड्रोन और लगभग 150 ग्लाइड बम दागे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने दावा किया कि अन्य शहर भी निशाने पर रहे। उन्होंने यूरोपीय नेताओं से अपील की है कि यूरोप की सुरक्षा के लिए बहुस्तरीय एयर डिफेंस सिस्टम तत्काल उपलब्ध कराया जाए। जेलेंस्की ने टेलीग्राम पर लिखा कि बीते दो हफ्तों में रूस ने 3,500 से अधिक ड्रोन, 2,500 से ज्यादा ग्लाइड बम और करीब 200 मिसाइलें यूक्रेन पर दागी हैं। उनका कहना है कि यूरोप की संयुक्त सुरक्षा केवल मजबूत वायु रक्षा प्रणाली से संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक रूस को भारी आर्थिक नुकसान नहीं होगा, वह युद्ध खत्म करने की दिशा में कदम नहीं उठाएगा। वहीं यूक्रेन ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए पश्चिमी रूस के सारातोव क्षेत्र में स्थित एक तेल रिफाइनरी पर रात में हमला किया।
ग्लाइड बम से भारी तबाही
गौरतलब है कि रूसी ग्लाइड बम लड़ाकू विमानों से ऊंचाई से गिराए जाते हैं, जिनका बचाव करना बेहद मुश्किल है। क्षेत्रीय प्रमुख इवान फेडोरोव के अनुसार, रूसी सेना ने मल्टीपल रॉकेट लॉन्च सिस्टम से भी 10 हमले किए, जिनमें 10 अपार्टमेंट इमारतें और 12 निजी घर क्षतिग्रस्त हुए। जपोरिजिया में इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हुई, जबकि चार बच्चों सहित 20 लोग घायल हैं। कई स्थानों पर आग भी लग गई। मायकोलाइव क्षेत्र में भी एक व्यक्ति की मौत हुई है।
यूक्रेन में सैन्य फेरबदल
रूस की बढ़त के बीच यूक्रेन के शीर्ष सैन्य कमांडर ओलेक्सांद्र सिर्स्की ने दो वरिष्ठ अधिकारियों को उनके पद से हटा दिया है। 17वीं सेना कोर के प्रभारी वोलोदिमीर सिलेंको और 20वीं सेना कोर के प्रमुख मैक्सिम कितुहिन को जिम्मेदारी से मुक्त किया गया है। बताया जा रहा है कि सिलेंको की तैनाती जपोरिजिया क्षेत्र में थी, जहां निप्रो नदी के तट पर एक गांव पर से यूक्रेनी सेना का नियंत्रण खत्म हो गया। वहीं कितुहिन डोनेस्क क्षेत्र के पास तैनात थे, जहां रूस ने कई गांवों पर कब्जा कर लिया है।
अमेरिकी हथियार सहायता को मंजूरी
इसी बीच ट्रंप प्रशासन ने यूक्रेन को अमेरिकी हथियार सहायता के पहले पैकेज को मंजूरी दे दी है। सूत्रों के अनुसार, यह सहायता एक नए वित्तीय समझौते के तहत सहयोगियों के साथ मिलकर भेजी जाएगी और जल्द ही कीव तक पहुंचाई जाएगी।
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