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नई दिल्ली ,14 अक्टूबर (आरएनएस)। उत्तरप्रदेश में 10 सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के घर एक बैठक हुई। जे पी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में हुई इस बैठक में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रिजेश पाठक, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भुपेंद्र चौधरी, प्रदेश संगठन महामंत्री भूपेन्द्र उपस्थित रहे। बैठक में प्रदेश की दस सीटों करहल, कटेहरी, मिल्कीपुर, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, मीरापुर, फूलपुर, मंझवा, और सीसामऊ के लिए उम्मीदवारों के नामों और रणनीति पर चर्चा हुई। इससे पहले प्रदेश कमेटी ने हर सीट के लिए सर्वे के बाद तीन तीन नामों का चयन करके आलाकमान को रिपोर्ट सौंपी थी। क्योंकि इन दस सीटों में पांच सीटें समाजवादी पार्टी के पास है। तीन बीजेपी और एक एक राष्ट्रीय लोकदल और निषाद पार्टी के पास। निषाद और आरएलडी दोनों ही बीजेपी की सहयोगी पार्टियां है, इसलिए दिल्ली में हुई बैठक में इन सहयोगी पार्टियों को इन दस सीटों में से कितनी सीटों पर चुनाव लडऩे की सहमति बनानी है इस पर भी चर्चा हुई। ऐसे में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को प्रदेश में मिले झटके के बाद ये उपचुनाव अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए चुनौती से कम नही कि किस तरह से इन सीटों पर जीत दर्ज की जाए ।
बहरहाल दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष के आवास पर हुई बैठक में जो फैसला हुआ , जानकारी के मुताबिक उस बैठक में इन दस सीटों पर से नौ सीटों पर बीजेपी ने अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है , जबकि मुजफ्फरनगर की मीरपुर सीट आरएलडी को देने का निर्णय लिया है। संजय निषाद कटेहरी और मझवा से लडऩा चाह रहे थे, लेकिन जो बात सामने आ रही है उसके मुताबिक बीजेपी ने निषाद पार्टी के सामने जो ऑप्शन रखा है उसके मुताबिक वो मझवा सीट से लड़ सकती है लेकिन बीजेपी के सिंबल से। ऐसे में संजय निषाद पार्टी के इस फैसले से नाराज बताए जा रहे है और इसे लेकर जल्द ही गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं।
रालोद को भी पार्टी ने मीरपुर सीट देने पर विचार किया है जबकि रालोद अलीगढ़ की खैर सीट से भी अपना उम्मीदवार उतारने का मन बना चुकी थी, लेकिन हाथरस लोकसभा क्षेत्र में आने वाली इस सीट को बीजेपी हर हाल में अपने पास रखना चाहती है, जो यहां के विधायक अनूप बाल्मिकी के सांसदी के चुनाव लडऩे के बाद रिक्त हुई थी। सपा से गठबंधन में कांग्रेस की भी नजर इस सीट से लडऩे पर है हालांकि अभी सपा ने इस सीट के लिए उम्मीदवार का नाम घोषित नही किया है।
पार्टी आधी से ज्यादा सीटों पर नए चेहरों को उतार सकती है, वही कुछ सीटों पर पार्टी का ज्यादा फोकस रहेगा क्योंकि पार्टी वहां से पिछड़े वर्ग के ही उम्मीदवारों को उतारने का मन बना रही है। ये सीटें मिल्कीपुर, कटेहरी, मझवा और फूलपुर है। दरअसल पार्टी इन उपचुनावों में अपने उम्मीदवार उतारते वक्त जातीय समीकरण का खासतौर से ध्यान रखेगी। साथ ही मौजूदा मुद्दों भी प्रमुख रहेंगे। प्रदेश बीजेपी को उम्मीद है कि इन उपचुनाव में इन दस सीटों में से कम से कम आठ से नौ सीटों पर जीत हासिल करने की। ऐसे में पार्टी सीट पहले ही बीजेपी के पास है उस पर अपना वर्चस्व बनाए रखने के साथ साथ सपा के हिस्से वाली सीटों पर भी खास रणनीति पर काम कर रही है।
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