राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, गोरखपुर के नवनिर्मित भवनों का लोकार्पण एवं न्यू गर्ल्स हॉस्टल का शिलान्यास किया

  • 02-Jul-25 01:24 AM

लखनऊ 02 Jully (Rns) /- भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज गोरखपुर के महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के नवनिर्मित ऑडिटोरियम, अकादमिक भवन और पंचकर्म केंद्र का लोकार्पण किया तथा न्यू गर्ल्स हॉस्टल का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे। राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय की ‘फॉर्मुलरी’ और ‘संकल्पसिद्धि-एम0जी0यू0जी0 पॉलिसी कम्पेण्डियम-1.0’ का विमोचन किया। इसके अतिरिक्त, ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत परिसर में पौधरोपण भी किया गया।राष्ट्रपति ने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय को श्री गोरखनाथ मंदिर से निकली गौरवशाली शाखाओं में एक महत्वपूर्ण केंद्र बताया। उन्होंने कहा कि पंचकर्म क्रिया शरीर को दोषमुक्त करने वाली प्रभावी चिकित्सा पद्धति है, जिससे अनेक असाध्य रोगों का सफल उपचार संभव हुआ है। विश्वविद्यालय के नए एकेडमिक भवन में बेहतर सुविधाओं से विद्यार्थी और शिक्षक निष्ठा से अपना कार्य करेंगे और पंचकर्म केंद्र से अधिकाधिक लोग लाभान्वित होंगे।राष्ट्रपति ने कहा कि बेटियों की उच्च शिक्षा में सुरक्षित आवास की कमी बड़ी चुनौती है, इसलिए न्यू गर्ल्स हॉस्टल का शिलान्यास शिक्षा एवं नारी सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने निजी विश्वविद्यालयों की भूमिका की सराहना करते हुए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय को पूर्वांचल क्षेत्र में उच्च शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र बताया।राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गोरखनाथ गुरु की तपोभूमि गोरखपुर को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना का स्रोत बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के कर-कमलों से हुए लोकार्पण स्वास्थ्य और सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को देश की मातृशक्ति के लिए प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने जीवन में संघर्ष और समर्पण की मिसाल कायम की है। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय की प्रगति को प्रदेश के विकास की कहानी बताया और कहा कि आयुष मंत्रालय के गठन एवं पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को मिली मान्यता से प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा में मजबूती आई है।मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के एलोपैथी, आयुर्वेद, नर्सिंग, फार्मेसी, पैरामेडिकल और कृषि क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों की सराहना की। साथ ही महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और गोरक्षपीठ के योगदान को भी याद किया, जिन्होंने क्षेत्र के शिक्षा और स्वास्थ्य विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, मत्स्य मंत्री संजय निषाद, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति और गैलेण्ट इंडिया के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश अग्रवाल उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम के माध्यम से महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की शिक्षा, चिकित्सा, अनुसंधान और सामाजिक विकास के क्षेत्र में बढ़ती भूमिका स्पष्ट हुई, जो पूर्वी उत्तर प्रदेश और पूरे राज्य के लिए गर्व का विषय है।




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