राष्ट्रीय बालिका दिवस पर विशेष आलेख
- 24-Jan-25 12:00 AM
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सुश्री निहारिका मीनाबेटिया घर की शान होती है, बेटियां माता-पिता का अभिमान होती है। अपने बुलंद हौसलों के साथ आज की बेटी हर क्षेत्र में अपने परिवार, अपने राज्य, अपने प्रदेश और अपने देश का नाम रौशन कर रही। चाहे देश हो या विदेश आज बेटियां हर जगह अपनी कामयाबी का पताका फहरा रही है।प्रति वर्ष 24 जनवरी को बालिकाओं को सम्मान देने और बालिकाओं के प्रति समाज का नजरिया बदलने, कन्या भ्रूण हत्या को कम करने और घटते लिंगानुपात के बारे में जागरूकता पैदा करने के उददेश्य से राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है।आज बिटिया के जन्म लेने पर एक पिता घबराता नहीं है, न ही शोक मनाता है बल्कि उसके जन्म लेने पर घर-परिवार, मोहल्ले में मिठाईयां बंटवाता है। क्योकि वह जानता है कि एक दिन बडे होकर यही बेटी उनको गौरवान्वित महसूस कराएगी। उनका समाज में मान-सम्मान बडाएगी। जितनी खुशी माता-पिता को बेटे के जन्म लेने पर होती है आज के समय उतनी या कहे उससे ज्यादा खुशी बेटी के जन्म लेने पर माता-पिता को होती है। कहा जा सकता है कि आज हमारे समाज में देर से ही सही पर धीरे-धीरे बेटियों के प्रति उनकी मानसिकता एवं नजरिए में बदलाव आ रहा है। इस बदलाव को समाज में व्यापक स्तर पर सकारात्मक रूप से स्वीकृति मिली है। यही कारण है कि आज खेल जगत हो या तकनीकी क्षेत्र या शासकीय क्षेत्र हो हर जगह बेटियां अपना खूब नाम कमा रही है। निश्चित ही यह हमारे देश-विदेश के कुशल नेतृकर्ता एवं दूरगामी सोच रखने वाले प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के अथक प्रयासों का ही परिणाम है।शासन-प्रशासन की बेटियों के लिए उठाई गयी विभिन्न पहले आज बेटियों के लिए सार्थक सिद्ध हुई हैं। चाहे बेटी बचाओं-बेटी पढाओं हो या सुकन्या समृद्धि योजना हो, लाडली लक्ष्मी योजना हो, लाडो अभियान हो सभी अनूठी पहलों से बच्चियों के जीवन पर सकारात्क प्रभाव पडा है। एक अच्छे नागरिक होने के नाते हमारा भी दायित्व बनता है कि राष्ट्रीय बालिका दिवस को ज्यादा से ज्यादा लोग व्यापक स्तर पर हर्षोल्लास के साथ मनाए और बेटियों के प्रति समाज के दृष्टिकोण में सकारात्मक सोच और अधिक विकसित करने में अपना सहयोग दें। क्योकि आपकी एक पहल पूरे समाज, पूरे देश की बेटियों का भविष्य संवार सकती है। इसलिए संकल्पित होकर बेटियों के अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने एंव समाज का उनके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण सृजन करने में आगे आएं और अपना कर्तव्य निभाएं।0-लेखक सहायक संचालक जिला जनसम्पर्क कार्यालय दतिया(म.प्र.)है।
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