राष्ट्रीय बौद्धिक संसद में जनघोषणा पत्र की रूपरेखा तय

  • 01-Sep-25 02:02 AM

भोपाल,01 सितंबर (आरएनएस)। राष्ट्रीय न्याय सत्याग्रह एवं पराक्रम जनसेवी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में गांधी भवन, भोपाल में राष्ट्रीय बौद्धिक संसद का आयोजन किया गया। दिनभर चले इस कार्यक्रम में देशभर से समाजसेवी, शिक्षाविद्, वैज्ञानिक, प्रशासनिक अधिकारी और बुद्धिजीवी वर्ग ने भाग लिया।
इस बौद्धिक संसद का मुख्य उद्देश्य लोकतांत्रिक एवं संवैधानिक मूल्यों की रक्षा और सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों पर विचार कर जनघोषणा पत्र तैयार करना था। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, महिला सुरक्षा, न्याय, रोजगार, भ्रष्टाचार, जलवायु परिवर्तन, अंधविश्वास, कट्टरता तथा कमजोर वर्गों (एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक, महिलाएं, बच्चे) की समस्याओं पर चर्चा हुई।
कार्यक्रम में पद्मश्री बाबूलाल दाहिया, पूर्व वीसी डॉ. रामप्रसाद, पूर्व डीजीपी अरुण गुर्ट व उपेंद्र वर्मा, पूर्व सचिव भारत सरकार विलफ्रेड लकड़ा, पूर्व एसीएस अशोक शाह, पर्यावरणविद् शरद पालीवाल, कृषि वैज्ञानिक डॉ. एस.एस. तोमर, पूर्व जिला जज आर.सी. चौरसिया, समाजसेवी सनाज सेवी प्रकाश ठाकुर, विपिन टोप्पो, भगत सिंह मेहदेल, रामकुमार विद्यार्थी, कबीर मलिक, कुलदीप टोप्पो, प्रियांशु धारसे सहित कई गणमान्य जन उपस्थित रहे।
सभी वक्ताओं ने मांग की कि देश में निशुल्क शिक्षा, स्वास्थ्य और न्याय व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए, साथ ही रासायनिक खेती, शिक्षा के व्यावसायीकरण व अंधविश्वास का विरोध किया। कार्यक्रम का संचालन मोहिंदर कंवर (पूर्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक) एवं मेजर डॉ. मनोज राजे ने किया। मुख्य सूत्रधार व समन्वयक शरद सिंह कुमरे रहे।
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