
लद्दाख हिंसा के बाद सोनम वांगचुक गिरफ्तार, सरकार ने लगाया था प्रदर्शनकारियों को उकसाने का आरोप
- 26-Sep-25 02:30 AM
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नईदिल्ली,26 सितंबर (आरएनएस)। लद्दाख में हाल ही में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने सामाजिक और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लेह पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर अज्ञात जगह पर ले गई है। आज वांगचुक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे, इससे पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। बता दें कि इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी और 80 से ज्यादा घायल हुए थे।
सरकार द्वारा हिंसा का जिम्मेदार ठहराए जाने पर वांगचुक ने कहा था कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा था, वे किसी को बलि का बकरा बनाने की चालाकी कर सकते हैं, लेकिन वे बुद्धिमान नहीं हैं। फिलहाल हमें चतुराई की बजाय बुद्धिमत्ता की जरूरत है, क्योंकि युवा पहले से ही निराश हैं। मैं जेल जाने को तैयार हूं, लेकिन वांगचुक को आजाद रखने के बजाय जेल में डालने से समस्याएं और बढ़ सकती हैं।
लद्दाख में हिंसा के बाद से ही वांगचुक सरकार के निशाने पर हैं। पहले गृह मंत्रालय ने कहा था कि वांगचुक ने अपने भड़काऊ बयानों के माध्यम से भीड़ को उकसाया और अरब स्प्रिंग शैली के विरोध प्रदर्शनों और नेपाल में जेन-जेड के विरोध प्रदर्शनों का भड़काऊ उल्लेख करके लोगों को गुमराह किया। कल ही सरकार ने वांगचुक के एनजीओ का विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम ( एफसीआरए) लाइसेंस रद्द कर दिया था।
वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद लेह में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। हिंसा के बाद से लगातार तीसरे दिन आज कर्फ्यू लगा हुआ है। स्कूल-कॉलेज समेत सभी शिक्षण संस्थान भी बंद हैं। प्रशासन ने लेह में आईटीबीपी, पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों को भारी संख्या में तैनात किया है। एक एफआईआर दर्ज की गई है और 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
लद्दाख के लेह में प्रदर्शनकारियों ने भाजपा दफ्तर और पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। ये लोग बीते लंबे समय से लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने को लेकर वांगचुक के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे थे। 24 सितंबर को यह प्रदर्शन हिंसक हो गया था। इस दौरान 4 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई, जबकि 80 से अधिक घायल हुए थे।
लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन हो रहे हैं। वांगचुक कई मांगों को लेकर 15 दिनों से आमरण अनशन पर थे। बुधवार को छात्रों और स्थानीय लोगों ने लेह में उनकी मांगें पूरी नहीं करने के विरोध में बंद बुलाया था। इसी दौरान हिंसा भड़क गई थी। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय और सीआरपीएफ वाहन में आग लगा दी थी।
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