वह फीनिक्स तो नहीं
- 26-Oct-23 12:00 AM
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राजशेखर चौबेठंड बढऩे के साथ ही चुनावी सरगर्मी भी बढ़ गई है । प्रत्याशियों की घोषणा हो रही है । नामांकन भरे जा रहे हैं । भोपाल में कांग्रेस की टिकट के लिए सलमान बनकर प्रदर्शन किए गए । जिस राजनीतिक दल में टिकट के लिए जितनी मारामारी होती है वही दल हमें बढ़त लिए हुए दिखता है । वैसे ज्यादातर सर्वे में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की बढ़त बताई भी जा रही है । यही कारण है कि अखिलेश जी को अखिलेश वखिलेश सुनना पड़ा । इसके जवाब में उन्होंने सबसे महत्वपूर्ण प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष को चिरकुट नेता बताकर हिसाब बराबर कर दिया । इस मामले में अखिलेश जी की नाराजगी वाजिब लगती है । समाजवादी पार्टी केवल एक राज्य में शेर है परंतु वहां भी सवा शेर मौजूद है । वहीं कांग्रेस कुछ गिने चुने राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए शेर है परंतु इन राज्यों में भी वह लोकसभा चुनाव में ढेर हो जाती है । कांग्रेस फीनिक्स पक्षी भी नहीं है । समाजवादी पार्टी की जो हैसियत मध्यप्रदेश में है वही हैसियत कांग्रेस की उत्तर प्रदेश में है । दोनों मेले में बिछड़े भाई नजर आते हैं । उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पास एक लोकसभा सीट और मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी के पास एक विधानसभा सीट है फिर भी इन दलों के नेताओं के दंभ में कोई कमी नहीं है । इन नेताओं का यही रवैया कायम रहा तो 2024 के आम चुनाव में इंडिया गठबंधन की हार तय है । राजधानी भोपाल में कांग्रेस की टिकट चाहने वालों ने शर्ट उतारकर प्रदर्शन किए । इधर कांग्रेस के दो बड़े नेता एक दूसरे के कपड़े उतारने को आतुर दिखे । कांग्रेस ने बढ़-चढ़कर फ्रीबिस की घोषणा की है । वहीं भाजपा भी पीछे नहीं है । रेवड़ी सत्ता प्राप्ति का प्रमुख साधन बन गया है। सभी राजनीतिक दल जनता के पैसे को जनता में लुटाकर दानवीर होना चाहते हैं । कांग्रेस ने असंतुष्टों को संतुष्ट करने के लिए विधान परिषद के गठन का वादा किया है । इस कदम से जो राजकोषीय घाटा होगा उसे कर्ज लेकर या टैक्स बढ़ाकर ही पूरा किया जा सकेगा । मालवा क्षेत्र हमेशा से भारतीय जनता पार्टी का गढ़ रहा है । छत्तीसगढ़ बनने के बाद 2018 के चुनाव को छोड़कर लगभग सभी चुनाव में मध्य प्रदेश में भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा है । बीच के एक वर्ष को छोड़कर लगभग बीस बरस से भाजपा मध्य प्रदेश में काबिज है और शिवराज सिंह जी अठारह वर्ष मुख्यमंत्री रहे हैं । वे पिछड़े वर्ग से भी आते हैं । जाति जनगणना की मांग के बरक्स मंडल 2.0 के दौर में भी उनका नाम कोई नहीं ले रहा है यह भी एक विडम्बना है । उन्हें दरकिनार किया जा रहा है । मजबूरन उन्हें अपने आप को फीनिक्स पक्षी बताना पड़ा जो राख का ढेर होने के बाद भी पुन: उत्पन्न हो जाता है । वे फीनिक्स है या नहीं यह आने वाला वक्त ही बताएगा । मध्य प्रदेश में कोई भी दल जीते उनका जाना तय लग रहा है । भाजपा ने मोदी जी का भावुक पत्र - एम पी के मन में मोदी जारी किया है जिसमें जनता से 2014 और 2019 की तरह 2023 में भी भरपूर समर्थन की गुजारिश की गई है । वे मतदाता को भावुक कर प्राय: लुभा लेते हैं हालांकि 2018 में वे मध्य प्रदेश की जनता को लुभा नहीं सके थे । बाद में एक नेता को लुभाकर सरकार बदली गई । जब तक नेताओं का लोभ कायम है तब तक लुभाकर सरकार बदलने की कवायद भी चलती रहेगी । इससे निजात पाना जरूरी है । यह लोकतंत्र की अवमानना है ।
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