विंबलडन फाइनल में भारतीय मूल के खिलाड़ी की एंट्री, 13 जुलाई को खेला जाएगा खिताबी मुकाबला

  • 12-Jul-25 08:44 AM

नईदिल्ली,12 जुलाई। भारतीय मूल के अमेरिकी टेनिस स्टार रोनित कार्की इन दिनो काफी चर्चे में हैं. जिसकी वजह उनका जूनियर विंबलडन 2025 में शानदार प्रदर्शन करना है. 17 वर्षीय रोनित अब जूनियर विंबलडन 2025 के फाइनल में पहुंच गए हैं. उन्होंने शुक्रवार, 11 जुलाई को सेमीफाइनल में बुल्गारिया के अलेक्जेंडर वासिलेव से पहला सेट 7-5 से हारने के बाद लगातार दो सेट 6-4 और 6-1 से जीतकर फाइनल में धमाकेदार एंट्री मारी है.
अब खिताबी मुकाबले में रोनित का सामना बुल्गारिया के ही 16 वर्षीय इवान इवानो से होगा. ये मैच कल यानी रविवार, 13 जुलाई को खेला जाएगा. भारतीय फैंस रोनीत की जीत की दुआ करेंगे क्योंकि उनका नाता भारत के उत्तराखंड से भी है. खास बात ये है कि रोनित कार्की 12 वीं कक्षा के छात्र हैं और वो विश्व जूनियर टेनिस फेडरेशन में 51 वीं रैंक पर हैं. उन्होंने जूनियर विंबलडन में क्वालीफायर राउंड मुकाबले जीतकर टूर्नामेंट में कदम रखा था. बता दें कि जूनियर विंबलडन चैंपियनशिप 14 से 18 वर्ष के खिलाडिय़ों के बीच खेली जाती है.
अमेरिका के लिए खेलने वाले रोनित कार्की का परिवार का तआल्लुक उत्तराखंड के पंगखू के जाबुका गांव से है. रोनित के पिता त्रिलोक सिंह कार्की और माता कंचन कार्की पेशे से इंजीनियर हैं. जो अमेरिका चले गए थे, और वहीं रोनित का जन्म हुआ. जहां वो पले बढ़े और अब 17 साल की उम्र में ही विंबलडन में अपने देश और गांव का नाम रोशन कर रहे हैं.
रोनित के लिए 2025 साल काफी शानदार रहा है. उन्होंने जनवरी 2025 में आईटीएफ जूनियर जे 300 बैरेंक्विला डबल्स का खिताब जीता. उसके बाद जून 2025 में उन्होंने जूनियर फ्रेंच ओपन के दूसरे दौर तक पहुंचे थे.
रोनित के दादा राम सिंह कार्की दो दशक पूर्व नौकरी के लिए मुंबई चले गए थे. जहां उन्होंने ड्राइवर की नौकरी करने के कुछ साल बाद अपनी ट्रेवल एजेंसी खोल ली. उन्होंने अपने दोनों बेटों को इंजीनियर बनाया, लेकिन छोटा बेटा त्रिलोक कार्की जो रोनित के पिता हैं, इंजीनियर बनकर अमेरिका चले गए और बड़ा बेटा भरत कार्की मुंबई में ही रहते हैं, जो अपने भतीजे की कामयाबी से काफी खुश हैं और उसके खिताब जीतने के लिए प्रार्थना भी कर रहे हैं.
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