
विजय की रैली में 41 मौतों का जिम्मेदार कौन? स्नढ्ढक्र में एक्टर पर उठी उंगली, टीवीके ने बताया -1साजिश
- 29-Sep-25 02:48 AM
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करूर ,29 सितंबर (आरएनएस)। अभिनेता से राजनेता बने विजय की एक रैली में रविवार शाम को मची भीषण भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना के बाद पुलिस ने अपनी प्राथमिकी (एफआईआर) में कहा है कि यह त्रासदी अभिनेता और तमिझगा वेत्री कडग़म (ञ्जङ्क्य) के प्रमुख विजय द्वारा किए गए 'जानबूझकर राजनीतिक शक्ति प्रदर्शनÓ का नतीजा थी।
पुलिस एफआईआर के अनुसार, रैली सुबह 9 बजे शुरू होनी थी और 11 बजे तक भारी भीड़ जमा हो चुकी थी। विजय को दोपहर 12 बजे भाषण देना था, लेकिन वह निर्धारित समय से घंटों देरी से, शाम 7 बजे पहुंचे। पुलिस का आरोप है कि इस देरी ने लोगों में 'अनावश्यक उम्मीदेंÓ पैदा कीं और अव्यवस्था को जन्म दिया। प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि विजय को ले जा रही बस कई गैर-निर्धारित स्थानों पर रुकी, जिससे यह एक अनियोजित रोड शो बन गया, जिसके लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। ञ्जङ्क्य नेताओं पर भीड़ के लिए भोजन, पानी और अन्य सुविधाओं की कमी की चेतावनियों को नजरअंदाज करने का भी आरोप है।
पुलिस ने बताया कि प्रचार बस के बार-बार रुकने से यातायात बुरी तरह बाधित हुआ। इसी दौरान, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लगाए गए पुलिस बैरिकेड्स को ञ्जङ्क्य कार्यकर्ताओं ने तोड़ दिया। अभिनेता की एक झलक पाने की होड़ में कई लोग पास के एक शेड की टिन की छत पर चढ़ गए, जो दुर्भाग्यवश भीड़ का वजन सहन नहीं कर सकी और नीचे गिर गई, जिससे कई लोगों की जान चली गई।
वहीं दूसरी ओर, ञ्जङ्क्य के चुनाव अभियान प्रबंधन महासचिव आधव अर्जुन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए घटना की सीबीआई जांच की मांग को लेकर मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। अपनी याचिका में उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस और सत्तारूढ़ दल ने मिलकर यह भगदड़ कराई थी।
अर्जुन ने दावा किया कि पार्टी को जानबूझकर उन जगहों पर रैली की अनुमति नहीं दी गई, जहाँ वे चाहते थे, और उन तंग इलाकों में अनुमति दी गई जहाँ भीड़ को संभालना मुश्किल था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नमक्कल, त्रिची और नागपट्टिनम की तरह ही करूर में भी रैली के दौरान बार-बार बिजली काटी गई और सुरक्षा के लिए पर्याप्त पुलिसकर्मी तैनात नहीं किए गए थे।
याचिका में कहा गया है कि जैसे ही विजय ने अपना भाषण शुरू किया, बिजली काट दी गई, जिससे लोग बैकअप जनरेटर की ओर भागे और जाम की स्थिति बन गई। उन्होंने यह भी दावा किया कि रैली में घुसे कुछ असामाजिक तत्वों ने न केवल उनके नेता पर, बल्कि आम जनता पर भी चप्पलें और पत्थर फेंके, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। मामले की जांच अभी जारी है और दोनों पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप से राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
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