शोध प्रस्ताव लेखन के लिए मौलिक विचार आवश्यक है: डॉ. अनिल कुमार बिस्वास
- 07-Oct-23 12:40 PM
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अमरकंटक,07 अक्टूबर (आरएनएस)। इंडियन रिसर्च स्कॉलर्स एसोसिएशन द्वारा रिसर्च रिपोर्ट लेखन विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। इस विषय के मुख्य वक्ता डॉ. अनिल कुमार बिस्वास रहे। उन्होंने इस विषय पर सारगर्भित व्याख्यान दिया । उन्होंने अपने व्याख्यान के प्रारंभ में रिसर्च रिपोर्ट लेखन के प्रमुख विंदुवों को स्पष्ट किया ,उसके पश्चात प्रत्येक विंदुवों को शोध प्रविधि से जोड़ते हुए,उनके व्यावहारिक स्वरूप की व्याख्या की । उन्होंने कहा कि रिसर्च रिपोर्ट लेखन में मौलिक विचारों की स्पष्टता अत्यंत आवश्यक है । ऐसे मौलिक विचार शोध पत्रों में बहुत कम देखनें को मिल रहे हैं । यदि रिसर्च रिपोर्ट लेखन में समस्या की पहचान कर लिया जाए तो उनके पर्याप्त तथ्यों को संदर्भित किया जा सकता है जिसके कारण शोध पत्र की मौलिकता स्पष्ट हो पाती है। इसलिए आवश्यक है की पर्याप्त तथ्यों और तर्कों के साथ रिसर्च रिपोर्ट लेखन किया जाए । उन्होंने यह भी बताया की शोध में नया विमर्श निकल् कर आना चाहिए केवल कुछ पृष्ठ लिखना ही शोध नहीं होता है। समस्या के चयन के पश्चात संबंधित साहित्य का अवलोकन अत्यंत आवश्यक है । विषय से संबंधित साहित्य का अध्ययन करने के पश्चात ही शोध कार्य प्रारंभ करना चाहिए। अंत में डॉ. अनिल कुमार बिस्वास नें सभी प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर दिए । यह एक ऐसा एसोसिएशन है जिसमें संपूर्ण भारत के सामाजिक विज्ञान ,साहित्य भाषा एवं आर्ट्स से संबंधित रिसर्च स्कॉलर उपस्थित हैं। इस एसोसिएशन का उद्देश्य भारत के सभी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों के साहित्य,कला,सामाजिक विज्ञान और मानवता विषयों पर शोध करने वाले अनुसंधान संस्थानों के साथ रचनात्मक,सृजनात्मक विकास और प्रगतिशील संवाद का आदान–प्रदान करना है।यह मंच भारत के उन सभी शोध विद्वानों का स्वागत करता है जो अनुसंधान कार्य में सक्रिय हैं। इस व्याख्यान के समन्वयक विकास कुमार,शोधार्थी,राजनीति विज्ञान एवं मानवाधिकार विभाग, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय , अमरकंटक द्वारा किया गया।उन्होंने हमारे अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया। इस व्याख्यान की संयोजक कुलदीप सोनकुशरे रहे एवं सह-संयोजक पापी हलदार ( शोध छात्रा, लखनऊ विश्वविद्यालय) रही । कार्यक्रम के धन्यवाद ज्ञापन अभिषेक पाण्डेय ,जेएनयू ने हमारे सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।इस व्याख्यान में कई शोधार्थी–विद्यार्थी एवं श्रोता उपस्थित थे। जिनमे गनेशीलाल, डॉ. बी डी जानी, अंकिता ,शिखा गोयल ,स्नेहा यादव ,एशवार्य गुप्ता, ज्योति एवं पुष्पलता आदि जुड़े रहे । इस व्याख्यान का आयोजन गूगल मीट के माध्यम से संपन्न हुआ।
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