
श्रीपद येसो नाइक ने एनएसईएफआई और अमेज़न द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित भारत के पहले कार्बन-मुक्त ऊर्जा डेटा सेंटर समिट का उद्घाटन किया
- 25-Sep-25 02:57 AM
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एनएसईएफआई ग्रीन डेटा सेंटर गठबंधन का लोगो और इंटरैक्टिव वेबसाइट भी की गई लॉन्च
नई दिल्ली, 25 सितंबर (आरएनएस)। नेशनल सोलर एनर्जी फेडरेशन ऑफ इंडिया (एनएसईएफआई) ने अमेज़न के साथ मिलकर नई दिल्ली के द ललित में भारत के पहले कार्बन-मुक्त ऊर्जा डेटा सेंटर समिट का सफल आयोजन किया। इस ऐतिहासिक आयोजन में वरिष्ठ नीति निर्माता, नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के नेता और डेटा सेंटर उद्योग के प्रमुख हस्तियों ने भारत की सतत और कार्बन-न्यूट्रल डिजिटल अवसंरचना के लिए मार्ग प्रशस्त करने हेतु विचार-विमर्श किया। दीपक गुप्ता (आईएएस सेवानिवृत्त), माननीय महानिदेशक, एनएसईएफआई ने कहा, “डेटा सेंटर किसानों के खेतों से सीधे सौर ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं या विकेंद्रीकृत कृषि-फोटोवोल्टिक परियोजनाओं के माध्यम से हरित गुण प्राप्त कर सकते हैं। यह मॉडल विकास का एक सद्गुण चक्र बनाता है—डेटा सेंटर अपना कार्बन फुटप्रिंट कम करते हैं, किसान ऊर्जा उद्यमी बन जाते हैं, और ग्रामीण भारत डिजिटल अर्थव्यवस्था में हितधारक के रूप में उभरता है। डिजिटल उद्योग उदाहरण प्रस्तुत करके नेतृत्व कर सकता है, जो दर्शाता है कि स्थिरता और विकास हाथ में हाथ डालकर कैसे आगे बढ़ सकते हैं।” इसके बाद श्री माइकल पंक, उपाध्यक्ष, ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी, अमेज़न वेब सर्विसेज, ने विशेष टिप्पणी में अमेज़न की कार्बन-मुक्त डेटा सेंटर पहल और भारत में निवेश यात्रा पर कहा, “भविष्य को देखते हुए, हम नई चुनौतियों को पहचानते हैं, विशेष रूप से जेनरेटिव AI जैसी प्रौद्योगिकियों की बढ़ती ऊर्जा मांग। यही कारण है कि हम सौर, पवन, परमाणु, बैटरी भंडारण और उभरती प्रौद्योगिकियों में अपने निवेश को विविधता दे रहे हैं। 2040 तक नेट-ज़ीरो कार्बन हासिल करने की हमारी प्रतिबद्धता अटल है। मैं यह जोर देना चाहता हूँ कि यह एक ऐसी यात्रा है, जिसे हमें मिलकर पूरा करना होगा। सतत डिजिटल अवसंरचना का मार्ग सरकार, उद्योग और समाज के बीच सहयोग की मांग करता है। AWS भारत के सतत डिजिटल परिवर्तन में साझेदार बनने के लिए प्रतिबद्ध है, और हम इस दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदलने के लिए तत्पर हैं।”
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