
सर्दी में कितने घंटे सोना चाहिए जानिए ठंड में क्यों आती है ज्यादा नींद!
- 07-Jan-25 12:00 AM
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ऑफिस हो या फिर घर सर्दियों में हर जगह लोगों को नींद बहुत आती है. सर्दियों में दिन छोटे होते हैं और रातें लंबी होती है. इसके बाद भी ऐसा लगता है कि नींद पूरी नहीं हुई है. क्या आपको पता है सर्दी में कितने घंटे सोना चाहिए या फिर ठंड में क्यों ज्यादा नींद आती है महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेंज के साइकेट्रिस्ट डॉ. हर्षल साठे बताते हैं गर्मी के दिनों की तुलना में ठंड में लोग डेढ़ से दो घंटे अधिक सोते हैं. दिन का उजाला और रात का अंधेरा नींद के पैटर्न को प्रभावित करते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में. हार्मोनल बदलाव की वजह से आती है नींद हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक जब हम प्रकाश के संपर्क में आते हैं तो ब्रेन का खास एरिया एक्टिव होता है. इससे मेलाटोनिन हार्मोन और शरीर के टेंपरेचर को कंट्रोल होता है. हमारा शरीर मेलाटोनिन नाम का एक स्लीप हार्मोन बनाता है. जब सूर्यास्त होता है और अंधेरा धीरे-धीरे बढऩे लगता है तो मेलाटोनिन का लेवल बढऩे लगता है. इसका मतलब होता है कि अब सोने का समय हो गया है. सुबह में जब सूर्य की रोशनी बढऩे लगती है तो मेलाटोनिन लेवल भी घटने लगता है. यह सिग्नल होता है कि अब उठने का समय हो गया है.तापमान में बदलाव भी जिम्मेदार सर्दियों में तापमान कम होता है इसलिए नींद अधिक आती है जबकि गर्मियों में नींद कम आती है. इसका कारण यह है कि गर्मियों में हमारा ब्रेन ज्यादा एक्टिव रहता है जबकि ठंड के दिनों में ब्रेन कम एक्टिव रहता है. इससे नींद पर असर पड़ता है. ब्रेन के कम एक्टिव रहने पर न्यूरो ट्रांसमीटर्स की सक्रियता भी घट जाती है.सर्दी में कितने घंटे सोना चाहिएगर्मियों में लोग एवरेज 6-7 घंटे सोते हैं लेकिन ठंड के दिनों में लोग 2 से 2.5 घंटे ज्यादा सोते हैं. सर्दियों में शरीर को हेल्दी रखने के लिए एक वयस्क व्यक्ति को सर्दी के मौसम में 7'0 घंटे की नींद लेना चाहिए.सर्दियों में क्यों होता है मूड स्वींगरिपोर्ट के मुताबिक ठंड के दिनों में सूर्य की रोशनी कम होने से शरीर के इंटरनल बॉडी क्लॉक पर निगेटिव असर पड़ता है. सूर्य की रोशनी कम होने से सेरोटोनिन लेवल भी घट जाता है. सेरोटोनिन एक तरह का न्यूरोट्रांसमीटर है जिसके घटने-बढऩे से हमारा मूड बदलता है.विटामिन डी और फिजिकल एक्टिविटी कम होनासूरज की रोशनी से विटामिन-डी बनता है. विटामिन-डी एनर्जी के लेवल को बनाए रखने में मदद करता है. सर्दियों में सूरज की रोशनी कम मिलने के कारण विटामिन-डी की कमी हो सकती है, जिससे थकान और नींद आती है. सर्दियों में लोग कम बाहर निकलते हैं और फिजिकल एक्टिविटीज भी कम करते हैं. इससे शरीर कम थकता है और नींद ज्यादा आती है.
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