सिकरौरा कांड में माफिया डॉन बृजेश सिंह को बड़ी राहत, HC ने चार आरोपियों को सुनाई उम्रकैद की सजा

  • 20-Nov-23 12:17 PM

प्रयागराज 20 Nov, (Rns): पूर्वांचल के माफिया डॉन व पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया डॉन बृजेश सिंह को 37 साल पूर्व हुए सिकरौरा कांड में दोष मुक्त कर दिया। हाईकोर्ट ने माफिया बृजेश सिंह और आठ अन्य आरोपियों को जिला कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के फैसले को सही ठहराया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 9 नवंबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था। वहीं, हाईकोर्ट ने चार आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जिन आरोपियों को सजा सुनाई गई उनमें देवेंद्र सिंह, वकील सिंह, राकेश सिंह और पंचम सिंह का नाम शामिल है। ये चारों आरोपी भी बृजेश सिंह के साथ अधीनस्थ अदालत से बरी हो गए थे।

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि इन चारों आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त आधार है इसलिए इन्हें आजीवन कारावास की सजा दी जाती है। हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए यह भी कहा कि इन चारों आरोपियों को छोड़ जाना सही नहीं था। एक ही परिवार के सात लोगों की सामूहिक हत्या में इन्हीं चारों आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर एवं न्यायमूर्ति अजय भनोट की खंडपीठ ने मामले में पीड़ित परिवार की हीरावती एवं राज्य सरकार की अपील को खारिज करते हुए दिया है। अपील पर गत नौ नवंबर को सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने गत अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था। हीरावती और राज्य सरकार ने अपील दाखिल कर ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। ट्रायल कोर्ट ने वर्ष 2018 में पारित निर्णय में बृजेश सिंह समेत मामले के सभी 13 आरोपियों को बरी कर दिया था।

37 साल पहले तत्कालीन वाराणसी जिले के बलुआ थाना क्षेत्र में 10 अप्रैल साल 1986 को हुए नरसंहार में हीरावती के पति, दो देवर और चार मासूम बच्चों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। जबकि हीरावती की बेटी शारदा घायल हुई थी। घटना के बाद चार नामजद व अन्य अज्ञात हत्यारों के खिलाफ बलुआ थाने में आईपीसी की धारा 148, 149, 302, 307, 120बी एवं आर्म्स एक्ट की धारा 25 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी। विवेचना के बाद बृजेश सिंह समेत कल 14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी।




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