
सुखबीर सिंह बादल ने सिखों को नेतृत्वविहीन करने की साजिश के खिलाफ चेतावनी दी
- 19-Oct-25 12:29 PM
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चंडीगढ़ 19 Oct, (Rns): शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज दुनिया भर के सिखों से अपील करते हुए कहा,‘‘ सिख धार्मिक संस्थानों पर नियंत्रण हासिल करने और खालसा पंथ को नेतृत्वविहीन करने की गहरी साजिश को पहचान कर इसे पराजित करना चाहिए।’’
आज सुबह नई दिल्ली में नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीें शहीदी दिहाड़े पर शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा आयोजित एक संगोष्ठि को संबोधित करते हुए सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि देश को गुरु साहिब के नक्शेकदम पर चलने और धर्मनिरपेक्षता, मानवाधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता के मूल्यों को बनाए रखने की सख्त जरूरत है, जिसके लिए गुरु साहिब ने अद्धितीय और सर्वोच्च बलिदान दिया था। उन्होने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब दुनिया में एकमात्र उदाहरण हैं जिन्होने एक ऐसे धर्म की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया जो उनका अपना नही था। उन्होने कहा कि देश को धार्मिक सहिष्णुता और साम्प्रदायिक सदभाव के सबसे महान प्रतीक के रूप में गुरु साहिब का अनुसरण करने की जरूरत है।
इस बात पर जोर देते हुए कहा कि गुरु साहिब धर्मनिरपेक्षता और मानव अधिकारों की सुरक्षा के लिए खड़े थे कहते हुए सरदार बादल ने कहा कि यही विश्वास अकाली दल सरकारों की भी आधार रही है और सरदार परकाश सिंह बादल ने तीनों अकाली दल सरकारों के दौरान राज्य में 15 सालों तक शांति और साम्प्रदायिक सदभाव सुनिश्चित करने के लिए हमेशा इन मूल्यों को बनाए रखा।
सरदार बादल ने चेतावनी दी कि खालसा पंथ और पंथक संस्थाओं को कमजोर करने के लिए जो नापाक खेल खेला जा रहा है, वह शांति और साम्प्रदायिक सदभाव के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। उन्होने कहा कि खालसा पंथ आज अभूतपूर्व वैचारिक और राजनीतिक हमले का सामना कर रहा है। देश के शक्तिशाली तत्वों ने समुदाय के अंदर अवसरवादी गददारों को लुभाकर अकाली दल को बदनाम करने और सिख जनता को गुमराह करने के लिए अपने सामाजिक और मीडिया अभियानों को प्रायोजित करके सिखों के तीन सर्वोच्च धार्मिक राजनीतिक संस्थाओं- श्री अकाल तख्त साहिब, शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) और अकाली दल(एसएडी) पर नियंत्रण हासिल करने की कोशिश करने की सदियों पुरानी रणनीति पर चल रहे हैं। पिछले लगभग 13 सालों मे ंहम पंजाब में समुदाय को गुमराह करेन के लिए गलत सूचना के षडयंत्र को पनपते हुए देख रहे हैं। इन सिख विरोधी षडयंत्रकारियों और उनके गुंडों का मकसद सिखो ंको उनके लोकतांत्रिकर रूप से चुने गए धार्मिक प्रतिनिधियों के माध्यम से अपने पवित्र स्थलों की सेवा करने के अधिकार से वंचित करना है। उन्होने कहा कि उनका असली मकसद हमारे पवित्र ऐतिहासिक धार्मिक जगहों पर कब्जा करके खालसा पंथ की पहचान को कमजोर और तबाह करना और गैर सिखों के इरादों के अनुसार उनका संचालन करना है।
सरदार बादल ने कहा कि ये सिख विरोधी साजिशें पंजाब के बाहर हमारे पवित्र तख्तों सहित हमारे धार्मिक स्थलों पर कब्जा करने में पहले ही सफल हो चुके हैं। अब उनकी नजरें हमारे सर्वोच्च धार्मिक जगह श्री हरिमंदिर साहिब और श्री अकाल तख्त साहिब पर गढ़ी हुई हैं। यह महान गुरु साहिबान की अनूठी विचारधारा और संदेश पर हमला है। ये साजिशकर्ता जानते हैं कि वे सिखों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को हटाकर सिख धर्म पर कब्जा करने के लिए अपने गुर्गों को स्थापित करके ही इस साजिश में कामयाब हो सकते हैं। वे दिल्ली , हरियाणा और महाराष्ट्र में पहले ही कामयाब हो चुके हैं, जहां सिख धार्मिक स्थान अब गैर-सिख सरकारों के सीधे नियंत्रण में हैं।
इस सेमिनार में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार स. कुलदीप सिंह गड़गज, एसजीपीसी अध्यक्ष स. हरजिंदर सिंह धामी, दिल्ली अकाली दल अध्यक्ष स. परमजीत सिंह सरना और स. मनजीत सिंह जीके ने भी अपने विचार प्रकट किए ।
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