
सोने की तस्करी में अरेस्ट रान्या राव ने किए चौंकाने वाले खुलासे, कई प्रभावशाली लोगों की भूमिका आई सामने
- 09-Mar-25 03:03 AM
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बेंगलुरु 09 March, (Rns): कन्नड़ फिल्म अभिनेत्री और कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की बेटी रान्या राव की हालिया गिरफ्तारी ने देश में सोने की तस्करी के एक बड़े रैकेट का खुलासा किया है। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की जांच से पता चला है कि इस रैकेट में कई प्रभावशाली और सफेदपोश लोग भी शामिल हैं।
डीआरआई की हिरासत में पूछताछ के दौरान, रान्या राव ने कथित तौर पर कई चौंकाने वाले नाम उजागर किए हैं, जिससे जांचकर्ताओं को तस्करी नेटवर्क की गहराई का अंदाजा हुआ है। यह मामला दिल्ली हवाई अड्डे पर पकड़े गए तीन अन्य तस्करों से भी जुड़ गया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि इन सभी घटनाओं के पीछे एक ही मास्टरमाइंड हो सकता है। डीआरआई सूत्रों के अनुसार, जांच अब इस रहस्यमय सरगना को खोजने पर केंद्रित है।
अधिकारियों का मानना है कि रान्या राव सोने की तस्करी के एक बड़े नेक्सस का हिस्सा हैं, जिसमें उनके जैसे कई अन्य प्रभावशाली व्यक्ति शामिल हैं। ये व्यक्ति विदेशों से सोने की खेप को भारत में लाते हैं और अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए हवाई अड्डों से आसानी से निकल जाते हैं। डीआरआई के अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि यह नेटवर्क कितने समय से सक्रिय है और इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं।
रान्या राव की गिरफ्तारी के बाद जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, इस रैकेट से जुड़े कई नए खुलासे हो रहे हैं। डीआरआई अधिकारियों के मुताबिक, बेंगलुरु हवाई अड्डे पर रान्या की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली हवाई अड्डे पर भी सोने की तस्करी के आरोप में तीन लोगों को पकड़ा गया था। इन तीनों के पास से भी उसी तरह के सोने के बिस्किट बरामद हुए हैं जैसे रान्या राव के पास से मिले थे। बिस्किटों का पैटर्न एक जैसा होने के कारण, जांचकर्ताओं का मानना है कि ये सभी मामले एक ही संगठित गिरोह से जुड़े हुए हैं।
जांच में यह भी पता चला है कि दिल्ली में पकड़े गए तीनों आरोपी म्यांमार से सोने की तस्करी कर रहे थे और उन्होंने सोने को अपने जूतों में छिपा रखा था। उनके पास से 2 किलो 158 ग्राम सोना बरामद हुआ था। वहीं, रान्या राव दुबई से लौटी थीं और उनके पास से 14.2 किलोग्राम सोने के बिस्किट मिले थे। डीआरआई अधिकारियों का मानना है कि रान्या राव और दिल्ली में पकड़े गए तस्कर सिर्फ मोहरे हैं और इस पूरे खेल के पीछे एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह काम कर रहा है।
डीआरआई की टीम अब इस अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सरगना और नेटवर्क का पता लगाने के लिए गहन जांच कर रही है, जिससे सोने की तस्करी के इस बड़े रैकेट का पूरी तरह से पर्दाफाश किया जा सके।
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