हवाई अड्डा उद्योग का लाभ 35त्न बढऩे की उम्मीद

  • 08-Jun-24 08:20 AM

नईदिल्ली, 08 जून। भारतीय हवाई अड्डा उद्योग का कर पूर्व लाभ (पीबीटी) वित्त वर्ष 25 में पिछले साल के मुकाबले 35 प्रतिशत तक बढ़कर 10,370 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। दमदार मांग और विमानों के ऑर्डर, उत्पाद, ब्रांड, प्रौद्योगिकी में अभूतपूर्व निवेश के बीच ऐसा होने की संभावना है। विमानन क्षेत्र की सलाहकार फर्म कापा इंडिया के उपाध्यक्ष परमप्रीत सिंह बख्शी ने आज यह जानकारी दी।
दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई को छोड़कर ज्यादातर बड़े हवाई अड्डों पर वित्त वर्ष 24 के दौरान घरेलू यातायात राष्ट्रीय औसत के मुकाबले ज्यादा तेजी से बढ़ा है। दिल्ली में अपनी कंपनी के वार्षिक शिखर सम्मेलन में बख्शी ने कहा कि सभी प्रमुख हवाई अड्डों में जोरदार अंतरराष्ट्रीय सुधार नजर आया है।
सरकार के भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई), जो देश में 100 से ज्यादा हवाई अड्डों का प्रबंधन करता है, का लाभ वित्त वर्ष 24 और वित्त वर्ष 25 में मजबूत रहने की उम्मीद है। हाल ही में जिन छह गैर-महानगरों वाले हवाई अड्डों का निजीकरण किया गया है, उनसे राजस्व की हिस्सेदारी हासिल करने के साथ-साथ वैमानिकी राजस्व में वृद्धि की वजह से एएआई का राजस्व बढऩे के आसार हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि एएआई इन निजीकृत हवाई अड्डों से जुड़े किसी भी खर्च को वहन नहीं करेगा, इसलिए प्राधिकरण के लाभ में इजाफा होने वाला है।
उन्होंने एबिटा का जिक्र करते हुए कहा कि देश भर में महानगरों और गैर-महानगरों में हवाई अड्डों का बुनियादी ढांचा मांग से ज्यादा है। हवाई अड्डों की क्षमता के लिहाज से हम पहली बार पीछे नहीं रहने की कोशिश कर रहे हैं। मझोले और छोटे शहरों के हवाई अड्डों समेत 11 अरब डॉलर का निवेश प्रस्तावित है। भारतीय हवाई अड्डा उद्योग को वित्त वर्ष 25 में 18,090 करोड़ रुपये (2.2 अरब डॉलर) का एबिटा लाभ और 10,370 करोड़ रुपये (1.3 अरब डॉलर) का कर पूर्व लाभ होने का अनुमान है।
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