
हाईकोर्ट ने जेल में हुई लड़ाई में मृत कैदी के परिजनों को मुआवजा देने का दिया आदेश
- 14-Jun-25 09:45 AM
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0-कहा-हिरासत में रखे गए कैदियों की सुरक्षा सरकार का कर्तव्य
नई दिल्ली,14 जून (आरएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि हिरासत में रखे गए कैदियों की सुरक्षा और उनके हितों की सुरक्षा करना सरकार का कर्तव्य है. जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर ने जेल में बंद कैदियों के दो गुटों के बीच हुई लड़ाई में मारे गए एक कैदी के परिजनों को मुआवजा देने का आदेश देते हुए ये टिप्पणी की.
कोर्ट ने कहा कि जेलों के अंदर गिरोहों को पनपने नहीं देना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि ये सरकार का कर्तव्य है कि वो आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करे और इसमें और आम जनता में जेल में बंद कैदी भी शामिल है. ऐसे में हिरासत में अप्राकृतिक मौतौं के मामले में मुआवजा देना सरकार का काम है. कोर्ट ने दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ( डीएसएलएसए) को मृतक जावेद के परिजनों को तीन लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया. तीन लाख रुपये के मुआवजे में से एक लाख रुपये पहले ही जावेद की मां को दिए जा चुके हैं. जावेद की मां की अब मौत हो चुकी है.
कोर्ट ने साफ किया कि उसका ये साफ मानना है कि ये सरकार का कर्तव्य है कि वो हिरासत में बंद लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, भले ही उसकी पृष्ठभूमि आपराधिक क्यों नहीं हो. कोर्ट ने कहा कि सरकार हिरासत में बंद कैदियों की सुरक्षा और उनके हित सुनिश्चित करने के अपने कर्तव्य से मुंह नहीं मोड़ सकती है.
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