(कोलकाता)दुर्गोत्सव पर अब्दुल रहमान पहुंचे कालिका क्षेत्र दिया सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश
- 28-Sep-25 12:00 AM
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जगदीश यादवकोलकाता 28 सितंबर (आरएनएस)। दुर्गा पूजा के अवसर पर जहां पूरे राज्य में भक्ति और उल्लास का माहौल है। वहीं कोलकाता के युवा समाजसेवी व व्यवसायी अब्दुल रहमान (बब्बन) ने इंसानियत और सांप्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश की। वह कालिका के क्षेत्र अर्थात शक्तिपीठ कालीघाट पहुंचे और मां काली मंदिर के पास जरूरतमंदों के बीच खाद्य सामग्री वितरित कर यह संदेश दिया कि त्योहार केवल पूजा-अर्चना का नहीं, बल्कि एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ खड़े होने का भी अवसर है। कोई भी सम्प्रदाय का पर्व-त्योहार या फिर उत्सव हो इससे हमे मानवता की सीख मिलती है। अब्दुल रहमान ने कहा, दुर्गापूजा बंगाल की पहचान है। यहां हर धर्म और समाज के लोग मिलकर इस पर्व को मनाते हैं। इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है। यदि इस मौके पर मेरी ओर से किसी जरूरतमंद को मदद मिलती है, तो यह मेरे लिए सबसे बड़ा सौभाग्य होगा बहरहाल स्थानीय लोगों ने भी उनकी पहल का स्वागत करते हुए कहा कि रहमान ने यह साबित कर दिया कि त्योहार की असली भावना लोगों को जोडऩे में है। मंदिर परिसर में उनकी इस पहल से यह साफ हो गया कि जब समाज के लोग मिलजुल कर त्याग और सेवा का भाव अपनाते हैं, तभी सांप्रदायिक सौहार्द मजबूत होता है। त्योहार की भीड़-भाड़ और चकाचौंध के बीच अब्दुल रहमान का यह कदम एक गहरा संदेश है। धर्म अलग हो सकते हैं, पर इंसानियत एक है। यही भावना दुर्गापूजा जैसे उत्सवों को सचमुच सार्थक और यादगार बनाती है। रहमान के उक्त कार्य से गुरु नानक जी का यह संदेश चरितार्थ होता है कि, हर व्यक्ति में, हर दिशा में, हर जगह ईश्वर मौजूद है।
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