(कोलकाता)दुर्गोत्सव से पूर्व महानगर कोलकाता के रूफटॉप रेस्तरांओं को मिलेगी संजीवनी

  • 27-Aug-25 12:00 AM

कोलकाता 27 अगस्त (आरएनएस)। अभी कोलकाता नगर निगम के कड़े रुख से महानगर कोलकाता के रूफटॉपÓ रेस्तरांओं पर बंद की तलवार लटक गई थी लेकिन लगता है कि त्यौहारी सीजन में निगम के रुख में थोड़ी नरमी आई है। दुर्गा पूजा से पहले, नगर निगम शहर के रूफटॉपÓ रेस्तरांओं को पुनर्जीवित कर रहा है। रूफटॉपÓ रेस्तरांओं के खुले में खाने की अनुमति कुछ शर्तों पर दी जा सकती है, लेकिन नियमों का पालन करना होगा। मेयर व मंत्री फिरहाद हकीम का सख्त संदेश दिया है, अगर उक्त विषय पर किसी को परमिट चाहिए? तो पहले अग्नि रोधक उपाय जरुरी है।रूफटॉपÓ रेस्तरांओं को पुन: खोलने की प्राथमिक शर्तों में से एक है कि, छत पर एक बड़े, खुले स्थान का अनिवार्य रखरखाव है। नए निर्देश के अनुसार, छत के कम से कम 50त्न क्षेत्र को खाली रखना होगा। यह प्रावधान आपात स्थिति में ग्राहकों और अग्निशामकों, दोनों के लिए पर्याप्त बचाव स्थान के रूप में कार्य करने के लिए बनाया गया है। उक्त स्थान से निर्वाध आवाजाही हो सकेगी। नये नियम के अनुसार छत पर बैठने की जगह का कम से कम 50 प्रतिशत हिस्सा खाली रखा जाना चाहिए। अपात हालात में बचाव स्थल सड़क के किनारे होना चाहिए। अग्निशमन प्रणाली चालू होनी चाहिए - जिसमें पानी के पाइप, अग्निशामक यंत्र और अलार्म सिस्टम शामिल हों। सबसे ज़रूरी बात, सीढिय़ां खुली रखी जानी चाहिए। यह आदेश स्टीफन कोर्ट की घटना से सबक लेते हुए दिए गए है। पिछले साल अप्रैल माह में बड़ा बाजार के मछुआ स्थित फलपट्टी स्थित एक होटल में आग लगने से 14 लोगों की मौत हो गई थी। होटल की अग्निशामक प्रणाली को लेकर कई सवाल उठे थे। इसके बाद, शहर के रूफटॉप रेस्टोरेंट में अग्निशामक प्रणालियों की कमी सामने आई। इस संबंध में कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक मामला भी दायर किया गया था। जिसके कारण, मेयर फिरहाद हकीम ने पिछले साल मई में कहा था कि शहर में अब कोई भी रूफटॉप रेस्टोरेंट नहीं खोला जा सकता।घटना के बाद राज्य द्वारा एक विशेष जांच समिति का गठन किया गया था। मेयर ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि समिति की रिपोर्ट आने के बाद रूफटॉप रेस्टोरेंट को फिर से खोलने का निर्णय लिया गया। 2010 में, स्टीफऩ कोर्ट में लगी भीषण आग में 40 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी। जांच में पता चला कि उस रात कई लोग बाहर नहीं जा सके क्योंकि सीढिय़ां बंद थी, जबकि एक वैकल्पिक सीढ़ी भी थी। मेयर ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे को उठाया और कहा, स्टीफऩ कोर्ट के मामले में, मैंने देखा कि सीढिय़ां बंद होने के कारण लोगों की मौत हो गई। इस मामले में, सीढिय़ों को खाली रखा जाना चाहिए। इसके अलावा, छत को खोलने से पहले अग्निशमन विभाग द्वारा एक नया ऑडिट किया जाएगा।साथ ही, फिरहाद ने कहा कि भविष्य में, हम एक विधेयक लाएंगे जिसके तहत छत को एक साझा क्षेत्र के रूप में रखा जाना चाहिए। अग्निशमन, पुलिस और निगम हर तीन महीने में गहन निरीक्षण करेंगे। नियमों का पालन न करने पर लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। फिरहाद का कड़ा संदेश है - मानव जीवन की कीमत पर व्यवसाय नहीं किया जा सकता। अगर आपको परमिट चाहिए, तो आपको नियमों का पालन करना होगा।




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