(कोलकाता)बंगाल में लोक आस्था के महापर्व छठ पर होगी दो दिनों की सरकारी छुट्टी

  • 14-Sep-25 12:00 AM

मुख्यमंत्री के ऐलान से हिंदी भाषियों में दौड़ी खुशी की लहर जगदीश यादवकोलकाता 14 सितंबर (आरएनएस)। लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर भला पश्चिम बंगाल किसी से पीछे क्यों रहे। ऐसे में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने छठ पूजा में दो दिनों की सरकारी छुट्टी का ऐलान कर दिया है। हिन्दी दिवस के मौके पर ममता बनर्जी ने इसकी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज इस त्योहार के लिए दो दिन की सरकारी छुट्टी की घोषणा की, जिसका राज्य की बड़ी हिंदी भाषी आबादी ने स्वागत किया। पश्चिम बंगाल में काफी संख्या में बिहार-झारखंड के लोग रहते हैं। इस ऐलान के बाद छठ पर्व करने वाले लोगों में खुशी का माहौल है। पश्चिम बंगाल में प्रवासी बिहारी और झारखंडी लोगों ही नहीं उन लोगों में भी इस घोषणा का स्पष्ट उत्साह देखा गया है, जो लोग छठ पूजा करते हैं या फिर अपने राज्य जाकर श्रद्धा का साथ छठ मानते हैं। वैसे माना तो यह भी जा रहा है कि सीएम ममता के इस कार्य से उनका वोंट बैंक मजबूत होगा। सीएम ममता बनर्जी ने ङ्ग पर पोस्ट करते हुए लिखा, आज हिन्दी दिवस है। इस अवसर पर सभी हिन्दी भाषी भाई-बहनों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। प्रत्येक वर्ष हम श्रद्धा के साथ हिन्दी दिवस मनाते हैं। हम सभी भाषाओं के प्रति श्रद्धावान हैं। इस संदर्भ में कहूं तो वर्ष 2011 के बाद से राज्य में हिन्दी भाषी लोगों के विकास के लिए हमने कई अहम कदम उठाए हैं। राज्य की भाषाई समावेशिता पर ज़ोर देते हुए, ममता बनर्जी ने कहा कि जिन क्षेत्रों में 10त्न से ज़्यादा आबादी हिंदी बोलती है, वहां हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है। हिंदी के साथ-साथ संथाली, नेपाली, उर्दू, पंजाबी और तेलुगु जैसी भाषाओं को भी मान्यता दी गई है। उन्होंने व्यापक प्रचार अभियान के तहत हिंदी अकादमी की स्थापना, हावड़ा में हिंदी विश्वविद्यालय की स्थापना और हिंदी माध्यम के डिग्री कॉलेज खोलने की ओर इशारा किया।सीएम ममता के अनुसार बंगाल में असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हिन्दी भाषी लोगों सहित अन्य लोगों के लिए नि:शुल्क सामाजिक सुरक्षा योजनाएं शुरू की गई हैं। गंगासागर मेले के मद्देनजर उस क्षेत्र में उत्कृष्ट आधारभूत संरचना विकसित की गई है। हिन्दी भाषी समुदाय की भावनाओं का सम्मान करते हुए, राज्य सरकार ने छठ पूजा के उपलक्ष्य में दो दिन की सरकारी छुट्टी की घोषणा की है। हिन्दी दिवस पर मेरा अभिनन्दन ग्रहण करें। वैसे राजनीति के कुछ जानकारों की माने तो सीएम ममता के यह घोषणा एक सांस्कृतिक संकेत ही नहीं बरन इससे कुछ अधिक भी है। वहीं विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही, इस कदम को हिंदी भाषी वोट बैंक को मज़बूत करने के एक राजनीतिक दांव के तौर पर देखा जा रहा है। ख़ास तौर पर, बिहारी समुदाय कोलकाता और अन्य शहरी इलाकों में एक महत्वपूर्ण समूह है, और विश्लेषकों का मानना है कि ममता बनर्जी का प्रचार अभियान तृणमूल कांग्रेस को भाजपा के ख़िलाफ़ समर्थन जुटाने में मदद कर सकता है। बहरहाल बता दे कि सीएम ममता हर साल छठ पूजा पर श्रद्धालुओं के बीच जाती हैं। बता दे कि गुजरे साल उक्त पर्व पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने छठ पूजा के अवसर पर एक गीतÓ लिखा उन्होंने इस गीत को खुद ही कम्पोज किया और गाया भी था। उन्होंने छठ की शुभकामनाएं देते हुए ममता ने इस गीत को जारी किया था। दहीघाट में व्रतियों के बीच पहुंची ममता बनर्जी ने बिहार, उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल के वोटरों को लुभाते हुए कहा था कि बंगाल मिनी इंडिया है।




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