(कोलकाता)महा अष्टमी पर चंदन नगर में जगद्धात्री पूजा पर उमड़ा श्रद्धा का जनसैलाब
- 30-Oct-25 12:00 AM
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चंदन नगर से लौटकर संदीप यादवकोलकाता 30 अक्टूबर (आरएनएस)। चंदननगर की जगद्धात्री पूजा अपनी परंपरा, बिजली की साज सजावट के लिए प्रसिद्ध है। ऐसे में महा सप्तमी के दिन से यहां भीड़ उमडऩे लगी थी। जबकि महा अष्टमी के दिन बंगाल के कोने-कोने से श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा था। ऐसे पूजा मंडप है जहां पैर रखने के लिए भी जगह नहीं है। चंदन नगर इन दिनों देश विदेश की मीडिया टीम का केन्द्र भी बन गया है। वैसे चंदन नगर में जगद्धात्री पूजा को लेकर तमाम बाते सुनने को मिलती है। कुछ लोगों का कहना है कि, हुगली जिले में स्थित चंदन नगर की जगद्धात्री पूजा की शुरुआत मुख्यत: इंद्रनारायण चौधरी ने की थी, जो राजा कृष्ण चंद्र के करीबी और फ्रांसीसी सरकार के दीवान थे। स्थानीय लोगों ने आज बताया कि, वैसे तो चतुर्थी के दिन से हुगली जिले के चंदन नगर में जगद्धात्री पूजा में लोगों की भीड़ शुरु हो जाती है। सेंट्रल जगद्धात्री पूजा कमेटी के अनुसार इस वर्ष शोभायात्रा में 180 पूजा कमेटिया शामिल होंगी और 245 ट्रक सजाये जायेंगे। आईपीएस स्तर के कई अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था की कमान सम्भाल रहें है। सादे लिबास में पुलिसकर्मी व महिला पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। जबकि 50 बाइकों की स्वैपिंग पार्टी होगी। चंदननगर के साथ ही भद्रेश्वर सहित कई अन्य जगहों पर भी जगद्धात्री पूजा में लोगों की भीड़ उमड़ रही है। जबकि महाअष्टमी पर भीड़ का रेला कई मंडपों में बेकाबू की हालात में देखी गई लेकिन पुलिस और स्वंयसेवी भीड़ को नियंत्रित कर रहें थे। वैसे महा सप्तमी के दि चंदन नगर के कोलुपुकुर में तब गमगीन हालात बन गए जब जगद्धात्री पूजा पंडाल के सामने एक तेज रफ्तार लॉरी की टक्कर से एक बाइक सवार महिला की मौके पर ही मौत हो गयी। वैसे अभी महा षष्ठी के दिन तब चंदन नगर के कानाइलालपल्ली क्षेत्र में हड़कंप मच गया जब दुनिया की कथित तौर सबसे बड़ी जगद्धात्री प्रतिमा अचानक गिर गई। जगद्धात्री प्रतिमा के नीचे दबकर कई लोग घायल हो गए हैं। इस हादसे से भले ही हड़कंप मच गया था। फाइबर से बनी उक्त प्रतिमा 75 फुट सबसे ऊंची थी। हवा के कारण प्रतिमा अचानक गिर पड़ी, जिससे पूजा मंडप का एक हिस्सा भी ढह गया। लेकिन लोग उक्त खण्डित प्रतिमा को देखने के लिए भी वहां पहुंच रहें थें। उक्त पूजा स्थल को फिलहाल लोगों के लिए बंद कर दिया गया था। जगद्धात्री पूजा ना केवल बंगाल में बल्कि ओडिशा और त्रिपुरा में भी की जाती है। मान्यता है कि जगद्धात्री पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट माता दूर कर देती हैं और परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
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