(ग्वालियर)ग्वालियर-बेंगलुरु साप्ताहिक ट्रेन शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का (वर्चुअल) उद्बोधन

  • 27-Jun-25 12:00 AM

ग्वालियर 27 जून (आरएनएस)। ग्वालियर-बेंगलुरु साप्ताहिक रेलगाड़ी के शुभारंभ के ऐतिहासिक अवसर पर मैं सबसे पहले भारत सरकार के लोकप्रिय मंत्री, माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को हृदय से बधाई देता हूँ। आपने जिस प्रभावशाली ढंग से अपनी बात रखी, वह वास्तव में प्रशंसनीय है। यह ग्वालियर की वही धरती है, जहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया जी के नेतृत्व में एक के बाद एक रेल सुविधाओं की सौगात मिलती रही है। आज उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए यह नई कड़ी जुड़ रही है।थोड़ी देर पूर्व हमारे बीच उपस्थित रहे माननीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी को भी मैं विशेष रूप से धन्यवाद देता हूँ, जिनके नेतृत्व में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से भारतीय रेलवे में ऐतिहासिक परिवर्तन हुए हैं। नित नई सौगातें मिल रही हैं, और देशभर में कनेक्टिविटी का एक नया युग प्रारंभ हुआ है। आज का यह अवसर ग्वालियर के लिए विशेष रूप से गौरवपूर्ण है। हमारे बीच माननीय विधानसभा अध्यक्ष, वरिष्ठ नेता श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी, पूर्व सांसद व मंत्री श्री जयंत मलैया जी, प्रदेश सरकार के मंत्रीगण श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, श्री नारायण सिंह कुशवाहा, सांसद श्री भारत सिंह कुशवाह, श्री जयप्रकाश राजोरिया जी, श्री प्रेम सिंह राजपूत जी सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित हैं। मैं सभी को इस उपलब्धि के लिए बधाई देता हूँ।ग्वालियर की जनता को जो-जो आवश्यक था, वह अब एक-एक कर पूर्ण हो रहा है। यह वर्ष अटल जी की जन्मशताब्दी का भी वर्ष है, और यह भूमि राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी की तपोभूमि भी रही है। स्वर्गीय माधवराव सिंधिया जी ने जिस रेल विकास यात्रा की शुरुआत की थी, यह उसी श्रृंखला का विस्तार है।ग्वालियर से बेंगलुरु के लिए आज जो सीधी ट्रेन शुरू हो रही है, वह दक्षिण भारत से हमारे जुड़ाव को और अधिक सशक्त बनाएगी। यह केवल रेलगाड़ी नहीं, एक नई दिशा की ओर बढ़ता कदम है।मैं एक और महत्वपूर्ण बात साझा करना चाहता हूँ। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा ?18,000 करोड़ की लागत से इंदौर-मुंबई नई रेलवे लाइन स्वीकृत की गई है। इसके माध्यम से ग्वालियर से होकर सीधा उज्जैन और इंदौर तक एक वैकल्पिक मार्ग विकसित होगा, जो भोपाल-खंडवा मार्ग पर निर्भरता को कम करेगा। इससे चंबल और मालवा क्षेत्र में विकास को एक नई रफ्तार मिलेगी।पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना और अन्य योजनाओं के माध्यम से यह पूरा क्षेत्र औद्योगिक, कृषि और ऊर्जा क्षेत्र में एक नई पहचान स्थापित करेगा। हम ग्वालियर को सेमीकंडक्टर व इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के एक नए केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं। बीहड़ों में विशेष प्रकार की घास उगाकर ऊर्जा उत्पादन के प्रयोग प्रारंभ हो चुके हैं, जिससे भविष्य में जैव ईंधन जैसे विकल्पों की संभावनाएँ भी मजबूत होंगी।मैं यह विश्वासपूर्वक कहता हूँ कि यह क्षेत्र अब केवल पारंपरिक कृषि या रोजगार के लिए नहीं, बल्कि उच्च शिक्षा, औद्योगीकरण और तकनीकी विकास का भी केंद्र बनेगा।हालाँकि आज मैं स्वयं यहाँ उपस्थित रहना चाहता था, लेकिन जबलपुर में प्राकृतिक खेती पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम के कारण वहाँ जाना आवश्यक था। हमारी सरकार प्राकृतिक खेती, नदी जोड़ो अभियान (जैसे केन-बेतवा, ताप्ती परियोजना) और पारंपरिक जलस्रोतों के संरक्षण जैसे कार्यों में पूरी प्रतिबद्धता से लगी है। यह गर्व की बात है कि प्रदेश की जीडीपी का 39त्न हिस्सा कृषि क्षेत्र से आता है और हम इस क्षेत्र में नवाचार और सुधार के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।लेकिन आज का दिन ग्वालियर के लिए विशेष है — रेल सेवा के विस्तार का दिन है, विकास यात्रा की नई पगडंडी का दिन है। जब मेरे हाथ में रेलगाड़ी की हरी झंडी दी गई और आधुनिक रेलगाड़ी सामने खड़ी थी, तब उस दृश्य ने मन को आनंद और आत्मविश्वास से भर दिया।मुझे विश्वास है कि मध्यप्रदेश, माननीय सिंधिया जी जैसे सक्षम नेतृत्व के साथ, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में, देश के विकास में अग्रणी भूमिका निभाएगा। हम सब मिलकर एक आत्मनिर्भर, समृद्ध और प्रगतिशील भारत की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।




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