(धनबाद)उपायुक्त से मिला झामुमो प्रतिनिधिमंडल, बलियापुर के सी ओ और थानेदार को बर्खास्त करने की मांग

  • 15-Jul-25 12:00 AM

धनबाद 15 जुलाई (आरएनएस)। धनबाद जिले के बलियापुर अंचल अंतर्गत सरिसाकुण्डी गांव में रैयतों और आदिवासियों पर कथित रूप से किए गए बर्बर लाठीचार्ज के विरोध में आज झारखंड मुक्ति मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त से मिला और उन्हें एक विस्तृत शिकायत पत्र सौंपा। झामुमो के वरिष्ठ नेता रतिलाल टूडू के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने यह आरोप लगाया कि बीते दिनों बलियापुर अंचलाधिकारी और स्थानीय थाना प्रभारी के निर्देश पर रैयतों व ग्रामीणों पर प्रशासन द्वारा दमनात्मक कार्रवाई की गई। उनकी मौजूदगी में ही सेल के निजी सुरक्षाकर्मियों एवं कथित गुंडों द्वारा निर्दोष ग्रामीणों को बेरहमी से पीटा गया। लाठीचार्ज की इस घटना में कई ग्रामीण घायल हुए, जिनमें अधिकांश आदिवासी समुदाय से हैं। प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त से मांग की कि इस अमानवीय कृत्य के लिए जिम्मेदार बलियापुर के अंचलाधिकारी और थाना प्रभारी को अविलंब पद से बर्खास्त किया जाए तथा उनके खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई शुरू की जाए। साथ ही, जिन निजी सुरक्षाकर्मियों और सेल के गुंडों ने ग्रामीणों पर हमला किया, उन्हें भी तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। प्रतिनिधिमंडल ने यह स्पष्ट किया कि यदि प्रशासन ने शीघ्र ठोस कार्रवाई नहीं की, तो रैयतों, आदिवासी संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और झामुमो कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में एक बड़ा जनांदोलन छेड़ा जाएगा, जिससे जिले की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमराने की आशंका बनी रहेगी। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि सरकार और प्रशासन को यह समझना चाहिए कि आदिवासियों और मूलवासियों की जमीन और अधिकार की रक्षा करना सिर्फ संवैधानिक दायित्व ही नहीं, नैतिक जिम्मेदारी भी है। यदि अंचलाधिकारी और थानेदार जैसे पदों पर बैठे लोग ही पूंजीपतियों और उद्योगपतियों के इशारे पर काम करेंगे, तो ग्रामीण जनता का प्रशासन पर से विश्वास उठ जाएगा। सरिसाकुण्डी की घटना इसका एक ज्वलंत उदाहरण है, जहां प्रशासनिक संरक्षण में निजी कंपनी के गुंडों ने ग्रामीणों पर लाठियां बरसाईं और आवाज उठाने वालों को डराने-धमकाने का प्रयास किया गया। इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल में रैयतों की ओर से राहुल महतो, अनिल टूडू, सोनोत संथाल समाज के केंद्रीय अध्यक्ष सनातन सोरेन, जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि गुरुचरण बास्की, संजय सोरेन सहित अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल थे। सभी ने एक स्वर में चेतावनी दी कि अगर दोषियों पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।




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