(प्रतापगढ़)डीएम की सख्ती का दिखा असर, 626 हैंडपंप रिबोर और 1077 की हुई मरम्मत

  • 16-Apr-25 12:00 AM

अमृत सरोवर, हैंडपंप मरम्मत व रिबोर में गड़बड़ी पर होगी कड़ी कार्रवाई: डीएमप्रतापगढ़16 अप्रैल (आरएनएस )। पेयजल संकट से निपटने के लिए जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी की सख्ती रंग ला रही है। पेयजल आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा करते हुए डीएम ने बताया कि जिले में 746 हैंडपंप रिबोर हेतु चिन्हित किए गए थे, जिनमें से अब तक 626 हैंडपंपों का रिबोर कराया जा चुका है। वहीं, 1284 मरम्मत योग्य हैंडपंपों में से 1077 की मरम्मत भी पूरी कर ली गई है। शेष कार्यों को एक सप्ताह के भीतर अभियान चलाकर पूर्ण कराने के निर्देश दिए गए हैं।डीएम ने कैम्प कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक में संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जो भी अमृत सरोवर, हैंडपंप रिबोर या मरम्मत कार्य रिपोर्ट में गलत पाए जाएंगे, वहां संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम प्रधान पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।अमृत सरोवरों की स्थिति पर बात करते हुए डीएम ने बताया कि जिले में कुल 893 अमृत सरोवर हैं, जिनमें से 390 पक्के हैं। इनमें से 290 सरोवरों में पूर्व में और हाल ही में 117 अन्य सरोवरों में नहर, नलकूप या माइनर के माध्यम से पानी भराया गया है। शेष सरोवरों में भी जल्द ही पानी भरवाने के निर्देश दिए गए हैं।बैठक में यह भी बताया गया कि जिले में 6708 कुएं चिन्हित किए गए हैं। डीएम ने निर्देश दिए कि प्रत्येक राजस्व ग्राम में कम से कम एक कुएं को सक्रिय किया जाए। धार्मिक और पौराणिक स्थलों पर स्थित कुओं का जीर्णोद्धार कर उन्हें विवाहादि अनुष्ठानों के लिए उपयोगी बनाया जाए। इसके साथ ही रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग के जरिए भी इन कुओं को रिचार्ज करने की योजना बनाकर कार्य किया जाए।जल निगम की पेयजल परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए डीएम ने कहा कि मेसर्स जेएमसी द्वारा संचालित 334 तथा मेसर्स पावरमेक द्वारा संचालित 452 परियोजनाओं में कार्य हो रहा है। जो परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, उन्हें हैंडओवर किया जाए तथा अधूरी परियोजनाओं को 15 दिन में पूर्ण किया जाए। अधिशासी अभियंता को सभी परियोजनाओं की सतत निगरानी के निर्देश दिए गए।बैठक में नगर क्षेत्रों में वाटर कूलरों की मरम्मत, गंदगी की सफाई, चकरोड व नालियों के निर्माण कार्य की प्रगति की भी समीक्षा की गई। डीएम ने कहा कि सभी अधिशासी अधिकारी सुबह-शाम अपने क्षेत्र का निरीक्षण करें और आवश्यकतानुसार सफाई सुनिश्चित कराएं।गौ आश्रय स्थलों में पेयजल आपूर्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश देते हुए डीएम ने चेतावनी दी कि यदि जल संकट के चलते किसी गोवंश की मृत्यु होती है तो संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डॉ. दिव्या मिश्रा, अपर जिलाधिकारी आदित्य प्रजापति, परियोजना निदेशक डीआरडीए दयाराम यादव सहित समस्त खंड विकास अधिकारी, अधिशासी अधिकारी व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।




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