(बांदा)मंडलायुक्त को दिए प्रार्थनापत्र का नहीं पुरसाहाल : आश्वासन के विपरीत व्यवहार का आरोप
- 15-Oct-23 12:00 AM
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बांदा 15 अक्टूबर (आरएनएस)। मंडल का आला अधिकारी यदि कुछ आश्वासन या निर्देश यह कहकर दे कि मैं बहुत धार्मिक व आध्यात्मिक व्यक्ति हूं तो सामने वाला उसकी नीयत पर पुरजोर विश्वास करेगा साथ ही पीडि़त का विश्वास व हौंसला बढ़ जाता है परंतु जब उस आश्वासन की अगले दिन उसी के द्वारा धज्जियां उड़ा दी जाती है तो आश्वासन व निर्देश देने का वह रूप सामने देखकर पीडि़त का पूरी व्यवस्था के प्रति नजरिया बदल जाता है। साथ ही प्रणाली पर भी प्रश्न चिन्ह खड़े हो जाते हैं ऐसा ही एक मामला अपर आयुक्त न्यायिक की अदालत में आया। पीडि़त पक्ष को पीओ द्वारा 11 अक्टूबर को कहा कि आप मामले की किसी दूसरी अदालत में बहस करवा लीजिए? इसके लिए मैं 10 दिन का समय देता हूं। तब पीडि़त ने 12 अक्टूबर को मंडलायुयुक्त चित्रकूटधाम को प्रार्थना पत्र दिया और उनसे फाइल रीकाल की गुहार लगाई। कि आपकी अदालत ने वादी की प्रार्थना पर अगली सुनवाई तक नवैयत न बदलने का आदेश दिया। लेकिन स्वयं वादी ने भूमि बिक्री कर दी और पीओ द्वारा कहा गया है कि आप मामले की बहस सुनने के लिए प्रार्थनापत्र दे दें, मैं दस दिन का समय देता हूं। पीडि़त का प्रार्थनापत्र लेकर नवागंतुक मंडलायुक्त न्यायालय कक्ष चले गए। पीडि़त ने प्रार्थनापत्र में लिखा कि यदि फाइल रीकाल नहीं हुयी तो उसे न्याय नहीं मिलेगा। वही हुआ। अगले दिन न प्रार्थनापत्र कहीं ढूंढे मिला और न ही कार्यालय स्टाफ कुछ बता सका। 13 अक्टूबर को मामले से संबंधित आदेश की नकल 10 अक्टूबर की तिथि डालकर जारी कर दी गई। इस प्रकरण के प्रकाश में आने पर चित्रकूटधाम मंडल के अधिवक्ताओं के मध्य तरह-तरह की बातें सवाल बनकर खड़ी हो रही है। कई वादी-प्रतिवादी भी अपर आयुक्त प्रथम के इस तरह के फैसले से सशंकित बताए जा रहे हैं। मंडल अधिवक्ता संघ के पूर्व पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बीते कुछ माह पहले यहां के एक बड़े कर्मचारी का कदाचार के मामले में वीडियो जारी हुआ था। जिस पर तत्कालीन मंडलायुक्त ने संज्ञान लिया। नवागंतुक मंडलायुक्त श्री त्रिपाठी के न्यायालय में भी कुछ वरिष्ठ अधिवक्ताओं द्वारा बीते दिवस न्यायिक व्यवस्था को धूमिल करने संबंधी सवालिया बातें उठायी गई जिस पर आयुक्त श्री त्रिपाठी ने दोषियों के नाम उजागर करने का संकेत अधिवक्ताओं को किया है।
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