(भोपाल)मॉडर्न अकबर की सभाÓ नाटक ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया

  • 25-Jul-24 12:00 AM

भोपाल 25 जुलाई (आरएनएस)। राजा हो या रंक टेंशन है सबके संग तो क्यों न जीवन जीते हैं हंसी के पल के संग हमारा प्रयास है इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में कुछ पल निकाल कर हंसी के रंगों में रंग जाते हैं फिर चाहे वह बच्चा हो या बूढ़ा जवान हंसते और हसाते हैं मनोरंजन करते हैं। सहयोग संस्कृति संचालनालय मध्य प्रदेश शासन भोपाल द्वारा रूपाली थियेटर एवं वेलफेयर सोसाइटी भोपाल की प्रस्तुति संस्कार भारती योगेंद्र सभाग्रह मैं बुधवार 24 जुलाई को लेखक एवं निर्देशित रूपाली सराठे बिरथरे द्वारा हास्य नाटक मॉडर्न अकबर की सभा का मंचन हुआ नाटक के माध्यम से हर हाल में सिर्फ हंसते रहना है। यह कहानी एक मंदबुद्धि के राजा और प्रजा उसकी सभा के मंदबुद्धि लोगों की है जो एक से बढ़कर एक मूर्ख है अकबर आज के जमाने का मॉडल राजा है जिसे डायलॉग बाजी, डांस, एवं सेल्फी लेने का शौक है राजा का सेल्फी प्वाइंट उसके महल के पीछे वाले हिस्से का पहाड़ है जिसे एक मुजरिम नष्ट कर देता है द्य जिस पर अकबर उस मुजरिम को सभा में पेश करने का आदेश देते हैं राजा के पूछने पर मुजरिम ने बताया कि उसने यह पहाड़ अपनी पत्नी से परेशान होकर तोड़ा और फिर वह महाराज से रिक्वेस्ट करता है की आपकी 400 पत्नियां है एक हमारी भी ले लो महाराज 401 शगुन हो जाएंगे इस पर महाराज उसे पर बरस पड़ते हैं पर बीरबल हर बार की तरह आज इस नाटक में भी चतुर चालाक और होशियार है वह मुजरिम की परख कर बताता है कि यह मुजरिम नहीं बल्कि एक सुपरस्टार है बहुत बड़ा कलाकार है और महाराज को दिखाता है उसकी फिल्म जिसका नाम है अपने लवर को धोखा दो मुझे भी डार्लिंग मौका दो अकबर ने इस बात पर पूछा कलाकार होने के बाद भी पहाड़ क्यों तोड़ रहे हो तो मुजरिम ने बताया जब उसने पिक्चर की थी तो उसने खूब पैसा कमाया और वह सारा पैसा उसने अपनी अय्याशी में उड़ा दिया अकबर सारी सिचुएशन देखते हुए उस को फांसी देने का ऐलान कर देते हैं जिस पर उसकी पत्नी आकर बताती है वह पहाड़ इन्होंने मेरी वजह से तोड़ा है तो दोनों को फांसी देने का ऐलान कर दिया जाता है मुजरिम की पत्नी फांसी का सुनकर महाराज से माफी मांगती है और कहती है मुझे छोड़ दो और पति को ले जाओ पर महाराज दोनों को फांसी देने का ऐलान कर चुके होते और वह मुजरिम की पत्नी की कोई बात नहीं सुनते इसके बाद मुजरिम की पत्नी महाराज पर हल्ला बोल हमला कर देती है यह कहानी महाराज के सेल्फी प्वाइंट पहाड़ के आगे पीछे घूमती रहती है।नाटक में बार-बार आते पंच को देखकर दर्शकों ने हंसी के खूब ठहाके लगाएं नाटक को देखने आए भारी मात्रा में लोगों ने मनोरंजन से भरे इस नाटक को खूब सराहा शुरू से लेकर आखिरी तक नाटक को देख दर्शकों की हंसी नहीं रुकी कॉमेडी से भरपूर नाटक ने दर्शकों का दिल जीत लिया।मंच पर कलाकार अकबर-प्रदीप मांदरे, बीरबल-यश बालोदिया, मुजरिम-रितिक यादव, सिपाही-विनय ठाकुर, पत्नी- अंजना राय, कथावाचक -यामिनी मोर, मंच परे रूप सजा-सीमा मौर्य, वेशभूषा-पवन बिरथरे, प्रॉपर्टी-जावेद खान, तबला वादन-सुनील गोटल, संगीत-पवन, ब्रोशर बैनर-ताज मोहम्मद।




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment