(भोपाल) अधिकांश मौजूदा विधायकों और मंत्रियों को फिर से टिकट, ज्योतिरादित्य सिंधिया से 202 में किया वादा भी निभाया
- 11-Oct-23 12:00 AM
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भोपाल,11 अक्टूबर (आरएनएस)। पिछले विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और मध्य क्षेत्र इकाई ने भाजपा के टिकट वितरण में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया है। यह लगभग नियम है जिसे परंपरा कहा जाता है कि संघ सामानयत: टिकट वितरण में हस्तक्षेप नहीं करता है। कुछ विशिष्ट सीटों पर जरूर उसकी सिफारिशें होती हैं, वो भी यदि भाजपा इस संबंध में मार्गदर्शन प्राप्त करने की इच्छा करे तो। इस बार संघ ने इस तरह की किसी भी सीट पर कोई सिफारिश नहीं दी है। हालांकि संघ अपने तरीके से भाजपा का कोर इलेक्शन मैनेजेंट संभालेगा। नेताओं का असंतोष और कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने में भी संघ के पदाधिकारी भाजपा की मदद कर सकते हैं। भाजपा ने अपनी चौथी सूची में सेफ गेम खेलने की कोशिश की है। इस सूची पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का असर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। 2018 के विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण की तरह इस बार भी मुख्यमंत्री ने अपने सभी समर्थकों और सहयोगियों को टिकट दिलाने में सफलता प्राप्त की है। भाजपा ने कल अपनी चौथी सूची जारी की इसमें 57 प्रत्याशियों के नाम हैं। पहली तीन सूचियों में पार्टी ने 79 प्रत्याशी घोषित किए थे? इस तरह भाजपा अब तक प्रदेश में 230 सीटों में से 136 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर चुकी है। चौथी सूची में भाजपा ने सुरक्षित खेल खेलने की रणनीति अपनाई है। इस सूची की सबसे खास बात यह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोउनके परंपरागत निर्वाचन क्षेत्र बुधनी से उतारा गया है। इस सूची में मौजूदा विधायकों और मंत्रियों को फिर से टिकट दिए गए हैं। इसके अलावा पार्टी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से 2020 में किया गया वादा निभाते हुए उनके आठ समर्थकों को चुनाव मैदान में उतारा है। सूची का विश्लेषण करने से यह पता चलता है कि भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल के 73 प्रतिशत मंत्रियों यानी 24 को फिर से टिकट दिए हैं। इनमें ज्येातिरादित्य सिंधिया समर्थक मंत्री भी शामिल हैं पार्टी ने नौ मंत्रियों को होल्ड पर रखा है। इनमें भी चार ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक मंत्री हैं। भाजपा की सूची में 70 वष्र की उम्र के चार प्रत्याशी हैं। इनमें लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव और जनताति कल्याण मंत्री प्रेमसिंह पटेल, डॉ. प्रभुराम चौधरी और बिसाहू लाल सिंह जैसे नेता शामिल हैं। पार्टी ने पांच महिलाआं की चौथी सूची के अनुसार छह अनुसूचित जनजाति और छह अनुसूचित जाति के प्रत्याशी हैं। दो सीटों पर पार्टी ने अदला-बदली की है। जयसिंह नगर के जयसिंह मरावी और जैतपुर से जैतपुर की मौजूदा विधायक मनीष सिंह को जयसिंह नगर से टिकट दिया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अब अगली सूची कांग्रेस की पहली सूची आने के बाद ही जारी की जाएगी। कांग्रेस की पहली सूची 14 अक्टूबर को आने की संभावना है। भाजपा जिन मौदा विधायकों के टिकट काटना चाहती है, उन सीटों पर भी फैसला देर से करेगी, जिससे विधायकों की केंद्रीय चुनाव समिति की अभी दो बैठकें और होना है। भाजपा ने अपनी पहली सूची 17 अगस्त को जारी कर दी थी। पार्टी की तीसरी सूची सबसे अधिक चौंकाने वाली थी, क्योंकि इसमें सात सांसदों सहित तीन केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव लड़ाया गया था। पिछले चुनाव में भाजपा ने दो नवम्बर को अपनी पहली सूची जारी की थी इस बार उसने अपनी पहली सूची 17 अगस्त को ही जारी कर दी थी, जिससे हारी हुई सीटों के 39 प्रत्याशी घोषित किए गए थे। चौथी सूची में भाजपा ने मौजूदा विधायकों और मंत्रियों कोटिकट दिए हैं। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मध्य क्षेत्र इकाई ने अभी तक भाजपा के टिकट वितरण में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया है। अन्यथा यदि संघ से सिफारिशें मांगी जाती तो शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल के आधे मंत्रियों को भी टिकट नहीं मिलता। जबकि पार्टी में 24 मंत्रियों को फिर से टिकट दिया है और केवल नौ का टिकट होल्ड पर रखा है। इनमें से गौरीशंकर बिसेन ने खुद अपने स्थान पर अपनी पुत्री मौसमी बिसेन को चुनाव लड़ाने की बात कही है। जबकि यशोधरा राजे सिंधिया ने खुद स्वास्थ्यगत कारणों से चुनाव लडऩे से इन्कार कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि बचे हुए मंत्रियों में से दो या तीन से अधिक मंत्रियों के टिकट नहीं कटेंगे। जिन मंत्रियों के टिकट कटने की संभावना है उनमें सिंधिया समर्थक मंत्री सुरेश धाकड़ और ओपीएस भदौरिया भी शामिल हैं। उषा ठाकुर, रामखेलावन पटेल, इंदर सिंह परमार और बृजेंद्र सिंह यादव जैसे मंत्रियों को उनकी सीट बदलकर फिर से लड़ाया जा सकता है। भाजपा की चारों सूचियां देखने से यह स्पष्ट है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने टिकट वितरण में किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया है। इस सूची में अमित शाह ने ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को फ्री हैंड दिया है। अमित शाह ने मौजूदा विधायक और मंत्रियों की रिपेार्ट के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर पूरा भरोसा दिखाया है। सूत्रों के अनुसार भाजपा संगठन भी इस बार कम से कम 12 मंत्रियों के टिकट काटना चाहता था लेकिन ऐसा हनीं हो सका है तो इसका कारण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं। भोपाल और नर्मदापुरम संभाग में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चोळान का दबदबा पहले जैसा साफ तौर पर दिख रहा है। मालवा निमाड़ की सूची में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चोळान की ही चली है। खास तौर पर आदिवासी सुरक्षित सीटों पर। अनिल पुरोहित
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