(भोपाल) दिग्गी-नाथ के बीच तल्खी कायम रहने से भी कांग्रेस का चुनाव अभियान हो रहा है प्रभावित
- 27-Oct-23 12:00 AM
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भोपाल,27 अक्टूबर (आरएनएस)। कांग्रेस ने दो सूचियों के जरिए अपने पहले घोषित सात प्रत्याशियों को बदल दिया है, लेकिन इससे समस्या खत्म नहीं हुई बल्कि बड़ी है। टिकट बदलने से और रायता फैल गया। जिने टिकट काट कर बदले गए उनमें से अधिकांश निर्दलीय या बसपा सपा की तरफ से चुनाव लड़ रहे हैं। जिन्होंने नहीं लडऩे की घोषाा की वह भी नाराज हैं औरा उनके समर्थक बगात पर उतारू हैं। टिकट बदलने की कवायद की चर्चा से नए क्षेत्रों मं भी बगावत दिख रही है। कुल मिलाकर नाराज नेताओं और बागियों ाके मनाने के कारण कांग्रेस का चुनाव प्रचार अभियान व्यवस्थित तरीके सक प्रारंभ ही नहीं हो पाया है। कांग्रेस में करीब 47 सीटों पर बगावत दिख रही है। बागियों की इतनी बड़ी संख्या के कारण कमनलाथ की रणनीति गड़बड़ा गई है इसलिए वो लगातार झुंझलाहट प्रकट कर रहे हैं। इसके अलावा कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच तल्खी बदस्तूर कायम है। इससे भी कांग्रेस का चुनाव प्रचार अभियान प्रभावित तो हो रहा है। दिग्विजय सिंह कमलनाथ के कपड़े फाड़ डालो वाले बयान से अभी तक आहत हैं। वे इसका जिक्र अपनी प्रत्येक मीडिया बाइट में करना नहीं भूलते। हाल ही में उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं होने का ठीकरा भी कमलनाथ पर फोड़ा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को चार सीटें देने की बात हो गई थी। कमलनाथ को फालन करना था। लेकिन लेकिन पता नहीं यह चर्चा सफल क्यों नहीं हो पाई। दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव में गठबंधन का फैसला आलाकमान करता है लेकिन विधानसभा चुनाव में गठबंधन और सीट एडजस्टमेंट पार्टी ने प्रादेशिक इकाइयों पर छोड़ दिया है। यानी दिग्विजय सिंह का स्पष्ट कहना है कि समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के अलावा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से यदि कांग्रेस का किसी प्रकार से भी तालमेल नहीं हो सकता है तो उसके लिए कमलनाथ जिम्मेदार हैं। दिग्विजय सिंह अपने से मिलने वाले सभी नाराज नेताओं को यह कहना नहीं भूलते कि टिकट वितरण कमलनाथ ने किया है। हालांकि वो यह भी जोड़ देते हैं कि उन्होंने (कमलनाथ ने) टिकट वितरण पूरी पारदर्शिता, निष्पक्षता और पार्टी हित में किया है। वह यह भी कहते हैं कि इसके बावजूद मैं (श्री दिग्विजय सिंह) अपने कपड़े फड़वाने के लिए तैयार हूँ। इन दिनों दिग्विजय सिंह कमलनाथ की प्रशंसा शोले फिल्म के जय की तरह करते हैं, जो लीला मौसी के यहां वीरू के लिए बसंती का हाथ मांगने जाता है। दिग्विजय सिंह नाराज नेताओं को इस तरह मानाते हैं कि उनका असंतोष और बढ़ जाता है। कुल मिलाकर इन सब बातों के कारण कांग्रेस का चुनाव प्रचार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। कांग्रेस को 2018 के मुकाबले इस बार अधिक नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस के सूत्र बता रहे हैं कि तमाम कोशिशों के बावजूद प्रदेश में कम से कम तीन दर्जन ऐसी सीटें हैं, जहां बागी पार्टी को निर्णायक रूप से नुकसान पहुंचाने की स्थिति में दिख रहे हैं। अनिल पुरोहित
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